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स्कूल में मौत के साये में पढ़ रहे नौनिहाल

नोएडा के स्कूल में हुई घटना की पुर्नावृत्ति क्षेत्र में कभी भी हो सकती है। इसका प्रमुख कारण है कि नगर में किराए की बि¨ल्डग में संचालित हो रहा राजकीय कन्या जूनियर हाई स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। हालात यह है कि भवन कभी भी जमींदोज हो सकता है, लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही से आज भी छात्र इसी जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 08:27 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 08:27 PM (IST)
स्कूल में मौत के साये में पढ़ रहे नौनिहाल
स्कूल में मौत के साये में पढ़ रहे नौनिहाल

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर:

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नगर के नक्का कुआं मार्ग स्थित राजकीय कन्या जूनियर हाई स्कूल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं। शिक्षा विभाग समस्या को लेकर लापरवाह बना हुआ है।

राजकीय कन्या जूनियर हाई स्कूल में छात्रों के सिर पर शिक्षा ग्रहण करते समय मौत का साया मंडराता रहता है। अपने नौनिहालों को बेहतर शिक्षा प्रदान कराने के उद्देश्य से इस स्कूल में भेजने वाले परिजन को स्कूल में किसी भी दिन कोई बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। बुद्धिजीवी वर्ग, शिक्षक और छात्रों के परिजन प्रशासन से नया भवन बनवाने के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। नोएडा के एक स्कूल में हुई दुर्घटना के दौरान दो छात्रों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के बाद छात्रों के अभिभावकों में भय का वातावरण बना हुआ है। राजकीय कन्या जूनियर स्कूल का भवन भी जर्जर होने के कारण कभी भी गिर सकता है। स्कूल के कमरों की स्थिति अधिक खतरनाक होने के बाद शिक्षकों ने बरामदे में कक्षा लगानी शुरू कर दी थी। अब बरामदा भी जीर्णशीर्ण हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल का नया भवन बनवाने के लिए उन्होंने विधायक, सांसद और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई है, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई।

स्कूल के प्रधानाचार्य बाबू राम ने बताया कि स्कूल को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कराने के लिए कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

--क्या कहते हैं अधिकारी

जनपद में कुछ स्कूलों के कमरों की हालत खराब है। इनकी मरम्मत कराने अथवा उनका पुनर्निर्माण कराने के लिए शासन से पत्राचार चल रहा है। जर्जर हो चुके कमरों में बच्चों को नहीं बैठाने के निर्देश दे रखे हैं। जल्द ही उन कमरों का पुनर्निर्माण कराया जाएगा।

--देवेंद्र गुप्ता, बेसिक शिक्षा अधिकारी


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