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सुध ही नहीं : डेढ़ दशक से की जा रही एक्सपोर्ट हाउस बनाने की मांग

हैंडलूम नगरी के नाम से विश्व विख्यात पिलखुवा में करीब पंद्रह साल से एक्सपोर्ट हाउस की मांग चली आ रही हैं। हुक्मरानों तक भी मुद्दा पहुंचा है हर बार भरोसा मिला। लेकिन आज तक एक्सपोर्ट हाउस स्थापित नहीं हो सका हैं। एक बार फिर लोकसभा चुनाव में एक्सपोर्ट हाउस का मुद्दा व्यापारियों ने उठाया है। व्यापारियों की मानें तो एक्सपोर्ट हाउ

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 06:50 PM (IST)
सुध ही नहीं : 
डेढ़ दशक से की जा रही एक्सपोर्ट हाउस बनाने की मांग
सुध ही नहीं : डेढ़ दशक से की जा रही एक्सपोर्ट हाउस बनाने की मांग

संवाद सहयोगी, पिलखुवा: हैंडलूम नगरी के निवासी विगत पंद्रह वर्ष से एक्सपोर्ट हाउस बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। यह मांग जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सरकारों तक पहुंचाई जा चुकी है, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। आज तक नगर में एक्सपोर्ट हाउस की स्थापना नही हो पाई। एक बार फिर लोकसभा चुनाव में व्यापारियों ने एक्सपोर्ट हाउस का मुद्दा उठाया है। व्यापारियों का कहना है कि एक्सपोर्ट हाउस बनने के बाद पिलखुवा में कारोबार बढ़ेगा और व्यापारी नई तकनीकियों से रूबरू हो पाएंगे। 

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पिलखुवा नगर बिस्तर की चादर और तिरपाल का उत्पादन किए जाने के लिए प्रसिद्ध है। यहां निर्मित चादरें देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा विदेशों में भी जाती है। वर्तमान में उत्पादक विदेशों से सीधे व्यापार नही कर पाते हैं। एजेंटों के माध्यम से विदेशों में चादर की बिक्री की जाती है। इस कारण उनका लाभ कम हो जाता है। चादर निर्माता पंद्रह वर्ष से एक्सपोर्ट हाउस बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। उद्यमी कई बार जनप्रतिनिधियों के माध्यम से देश और प्रदेश सरकार से गुहार लगा चुके है, परंतु आज तक एक्सपोर्ट हाउस की स्थापना नहीं हो पाई, उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। हालांकि हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई टेक्सटाइल सिटी में एक्सपोर्ट हाउस स्थापित किए जाने के लिए जमीन चिह्नित की गई है, लेकिन उस जमीन पर एक्सपोर्ट हाउस बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।

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एक नजर व्यापार पर

-नगर में चादरों का उत्पादन करने के छोटे-बड़े लगभग पंद्रह सौ कारखाने हैं। वर्तमान में चादरों की बिक्री से होने वाला लाभ कारखाना मालिक और एजेंट के बीच बंट रहा है। आंकड़ों के अनुसार रोजाना लाखों का व्यापार होता है।

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क्या कहते हैं व्यापारी

-लोकसभा चुनाव में एक्सपोर्ट हाउस की स्थापना सबसे बड़ा मुद्दा है। लंबे समय से व्यापारियों की इस मांग को सरकार नजर अंदाज कर रही है। एक्सपोर्ट हाउस की स्थापना के लिए उच्च स्तर पर मांग उठाई जाएगी। --पंकज मित्तल, प्रदेश मंत्री, उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल

-लंबे समय से एक्सपोर्ट हाउस की मांग लंबित है। सरकार को व्यापारी हित में इसकी स्थापना अति शीघ्र स्थापना करने पर ध्यान देना चाहिए। इस कारण पिलखुवा का चादर बनाने के व्यापार में प्रगति होगी। --संतोष गोयल, अध्यक्ष ,उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल -पिलखुवा वस्त्र व्यापारी संघ लंबे समय से एक्सपोर्ट हाउस की स्थापना करने की मांग करता आ रहा है। इस बावत कई बार केंद्रियों मंत्रियों से मांग की चुकी है। चुनाव में यहीं हमारा मुद्दा है।

--अनिल गर्ग, मंत्री, वस्त्र व्यापारी संघ -पिलखुवा में एक्सपोर्ट हाउस बनने के  बाद व्यापारी सीधे विदेशी ग्राहकों से जुड़ेगा। विदेशी ग्राहक पिलखुवा में आएंगे। इससे न केवल चादर का व्यापार बढ़ेगा बल्कि अन्य रोजगार में भी तरक्की होगी।

--संदीप गोयल, कोषाध्यक्ष, वस्त्र व्यापारी संघ


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