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एनजीटी के आदेश पर आस्था पड़ रही भारी

गंगा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए एनजीटी के आदेश पर आस्था भारी पड़ रही है। ब्रजघाट गंगा में गणपति बप्पा की मूर्तियों का विसर्जन धड़ल्ले से जारी है, लेकिन पुलिस-प्रशासन इसकी सुध लेने जहमत नहीं उठा रहा है। इसके चलते केमिकल के इस्तेमाल से बनीं मूर्तियां जलीय जीव जंतुओं के लिए भी गंभीर खतरा बन रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 09:10 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 09:10 PM (IST)
एनजीटी के आदेश पर आस्था पड़ रही भारी
एनजीटी के आदेश पर आस्था पड़ रही भारी

संवाद सहयोगी, ब्रजघाट : गंगा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए एनजीटी के आदेश पर आस्था भारी पड़ रही है। ब्रजघाट गंगा में गणपति बप्पा की मूर्तियों का विसर्जन धड़ल्ले से जारी है। इसके चलते केमिकल से बनीं मूर्तियां जलीय जीव जंतुओं के लिए भी गंभीर खतरा बन रही हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार मोक्ष दायिनी गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए योजनाएं चला रही हैं, लेकिन प्रतिवर्ष भारी भरकम रकम खर्च करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है। हालांकि प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी और हाईकोर्ट ने गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगाई हुई है, लेकिन प्रशासन की बेरुखी के चलते मूर्तियों का विसर्जन थम नहीं रहा है, जिससे मानवमित्र डॉल्फिन समेत गंगा में रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के जलीय जीव जंतुओं को खतरा बढ़ रहा है। गौर किया जाए तो पिछले तीन सालों के भीतर क्षेत्रीय समेत महानगरों से आने वाले भक्त मूर्तियों का विसर्जन गंगा की बजाए मध्य गंग नहर समेत दूसरे जलाशयों में करते रहे हैं, लेकिन इस बार भक्त ब्रजघाट पहुंचकर गंगा में मूर्तियां विसर्जित कर रहे हैं। जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। उपजिलाधिकारी ज्योति राय का कहना है कि हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेशों का किसी भी रूप में उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा। अगर गंगा में मूर्तियों का विसर्जन हुआ है, तो फिर जांच कराकर किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कराई जाएगी।

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