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खुलेआम उड़ाई जा रही एनजीटी के आदेशों की धज्जियां

पालिका अधिकारियों की मेहरबानी और लापरवाही के कारण एनजीटी के आदेश की शहर में धज्जियां उड़ रही है। खुलेआम जगह-जगह सड़कों पर निर्माण सामग्री पड़ी रहती है। जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। शहर के मुख्य मार्गों से लेकर जगह-जगह यही हालत है, लेकिन अधिकारी मात्र बड़े बोल के इस ओर कुछ करते दिखाई नहीं दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 08:12 PM (IST)
खुलेआम उड़ाई जा रही एनजीटी के आदेशों की धज्जियां
खुलेआम उड़ाई जा रही एनजीटी के आदेशों की धज्जियां

जागरण संवाददाता, हापुड़ : पालिका अधिकारियों की लापरवाही के कारण नगर में खुलेआम एनजीटी के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सड़कों पर जगह-जगह खुलेआम निर्माण सामग्री पड़ी रहती है। इस कारण नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर के मुख्य मार्गों और गली मोहल्लों में जगह-जगह पड़ी निर्माण सामग्री कारण वातावरण प्रदूषित हो रहा है। इसके बावजूद अधिकारी इस स्थिति को रोकने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।

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दिल्ली मार्ग, गढ़ मार्ग, मेरठ मार्ग और बुलंदशहर मार्ग पर सड़क के किनारे जगह-जगह निर्माण सामग्री पड़ी मिलती है। एनजीटी ने पर्यावरण प्रदूषित होने के कारण खुले में निर्माण सामग्री डालने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। खुले में पड़ी निर्माण सामग्री उड़कर हवा में घुल जाती है जो लोगों में सांस और पेट संबंधित बीमारी पैदा करती है। इसके बावजूद नगर पालिका के अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रहे है। खुलेआम निर्माण सामग्री रखने वालों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।

---------- - राजस्व का नुकसान और सड़क पर अतिक्रमण

सड़क पर निर्माण सामग्री रखने वालों से नगर पालिका किसी प्रकार का कर नहीं वसूल करती है। इस कारण उसके राजस्व की हानि होती है। निर्माण सामग्री पड़े होने के कारण सड़क संकरी हो जाती है और यातायात के आवागमन में बाधा आती है।

--------- - नालों में भर जाती है निर्माण सामग्री -

खुले में पड़ी निर्माण सामग्री नालों में भी भर जाती है। इस कारण नाले अवरुद्ध हो जाते हैं। लोगों द्वारा बार-बार शिकायत किए जाने के बाद भी नगर पालिका के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

------------ -नगरपालिका अपने ठेकेदारों पर ही नहीं लगा पाई लगाम

नगर पालिका अपने ठेकेदारों पर ही लगाम नहीं लगा पा रही है। सरकारी निर्माण कार्यों के दौरान भी निर्माण सामग्री खुले में डाल दी जाती है। इस कारण भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। एनजीटी का आदेश नगरपालिका को ठेकेदारों पर भी लागू होता है , लेकिन उसका अनुपालन नहीं किया जाता है।

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- नगर पालिका पर बड़े आरोप -

नियमानुसार नगर पालिका क्षेत्र में निर्माण करने के लिए नगरपालिका परिषद से अनुमति लेना आवश्यक है। इसके बावजूद आज तक किसी ने भी नगर पालिका से अनुमति के लिए आवेदन नहीं किया है। इस संबंध में नगर पालिका के अधिकारी कुछ नहीं बता पा रहे हैं कि अनुमति के लिए कितने आवेदन आए।

------------- क्या कहते हैं अधिकारी

नगर में अभियान चलाकर खुले में निर्माण सामग्री डालने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। खुलेआम में निर्माण सामग्री डालने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।

--जितेंद्र कुमार आनंद, अधिशासी अधिकारी


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