नमो देव्यै, महा देव्यै) छोटे से गांव की किशोरी ने मनवाया प्रतिभा का लोहा
संवाद सहयोगी, धौलाना : मन में लगन और कर गुजरने का जज्बा हो तो सफलता पाने के लिए संसाधनों
संवाद सहयोगी, धौलाना :
मन में लगन और कर गुजरने का जज्बा हो तो सफलता पाने के लिए संसाधनों की कमी भी आड़े नहीं आ पाती। जनपद हापुड़ की तहसील धौलाना के सीमा से सटे गांव बीघेपुर की छात्रा सीमा ने यह बात साबित कर दिखाई। उसने एक के बाद एक राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और दूरदराज के छोटे से गांव को अपनी प्रसिद्धि से चमका दिया। क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में तीन पदक हासिल कर वह चैंपियन बनकर दूसरी बेटियों के लिए मिसाल बन चुकी है।
धौलाना तहसील के गांव बीघेपुर निवासी देवीलाल और उनकी पत्नी ओमकारी देवी की कुल पांच संतानें हैं। इनमें चार पुत्री हैं और एक पुत्र है। देवीलाल को अंदाजा नहीं था कि उसकी तीसरी पुत्री एक दिन उनका नाम पूरे प्रदेश में रोशन करेगी। परिषदीय विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाली कुशाग्र बुद्धि की धनी सीमा को बचपन से ही खेलकूद का बेहद शौक था। इसी शौक की बदौलत वह दो बार राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंची। बीते दिनों हुई सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की खेलकूद प्रतियोगिता के दौरान गोल फेंक प्रतियोगिता में उसने रजत पदक हासिल किया। सौ मीटर दौड़ में तीसरा स्थान और दो सौ मीटर दौड़ में भी तीसरा स्थान प्राप्त किया। तीन प्रतियोगिताओं में मेडल मिलने के कारण उसे चैंपियन घोषित किया गया। वर्तमान में वह कक्षा नौ में पढ़ रही है। अभिभावकों के साथ-साथ पूरा गांव उसकी सफलता से गदगद है। लोग उसकी तारीफ करते नहीं थकते। देवीलाल भी गर्व से कहते हैं, Þम्हारी छोरी छोरों से कम थोड़े ही ना है।'ग्रामीण क्षेत्र में जहां अब भी पुत्रों को महत्व दिया जाता है, वहां सीमा ने अपनी प्रतिभा से उन लोगों को अपनी मान्यता पर दोबारा ¨चतन करने को मजबूर किया है।