न बराती न घराती...लॉकडाउन में चंद बरातियों के बीच पढ़ा गया निकाह
दुल्हा दुल्हन ने कहा कि लॉकडाउन का निकाह हमें याद रहेगा। दोनों पक्षों के कुल 10 लोग निकाह में हुए शरीक।
गढ़मुक्तेश्वर, संवाद सहयोगी। न बराती न घराती , सन्नाटे का माहौल, कुछ देर बाद मौलवी ने शारीरिक दूर बनाकर कुरान की आयतें पढ़ना शुरू किया। कुछ ही देर बाद निकाह संपन्न होकर दुल्हन दूल्हे के साथ अपने ससुराल रुखसत हो जाती है। कुछ ऐसे ही अनोखे अंदाज में मंगलवार को नगर में एक घर में निकाह संपन्न हुआ।
जी हां नगर निवासी हबीब की पुत्री शब्बों की बारात मंगलवार को आई। सिंभावली के गांव बक्सर निवासी फारुख अंसारी के पुत्र फैजान तीन लोगों के साथ ही सेहरा बांधकर बारात लेकर पहुंचे। लॉकडाउन के मद्देनजर कोई भीड़ भाड़ नहीं थी। शारीरिक दूरी बनाकर मौलवी ने दूल्हा-दुल्हन का निकाह पढ़ा।
दूल्हा दुल्हन और मौलवी ने निकाह का छुहारा शक्कर खाया और निकाह की सारी रस्में अदा की गई। इस दौरान दौरान लॉकडाउन का पूरा असर दिखाई दिया। लड़की के पिता ने पहले साबुन से दूल्हे का हाथ धुलवाया और कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतते हुए सभी कार्य संपन्न कराएं। दूल्हा आया और निकाह कर दुल्हन को लेकर चला गया।
नगर में कुछ लोगों ने जाना और कुछ लोगों को पता भी नहीं लग सका। इस दौरान दुल्हा दुल्हन ने कहा कि लॉकडाउन का निकाह हमें याद रहेगा। इस प्रकार से ही कम लोगों की बारात हो तो समाज के लिए यह अच्छा संदेश होगा।