गंगानगरी से भी जुड़ी हैं मिसाइलमैन एपीजे कलाम की याद
देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम उत्तराखंड की पंतनगर कृषि यूनिवर्सिटी के दौरे पर जाते समय यहां पर्यटन विभाग के राही होटल में रुके थे जिन्होंने गंगानगरी के अतीत से जुड़ीं बातों को बेहद दिलचस्पी के साथ सुना था।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर
देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम उत्तराखंड की पंतनगर कृषि यूनिवर्सिटी के दौरे पर जाते समय यहां पर्यटन विभाग के राही होटल में रुके थे, जिन्होंने गंगानगरी के अतीत से जुड़ी बातों को बेहद दिलचस्पी के साथ सुना था।
मिसाइल मैन के नाम से विख्यात रहे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम की याद गढ़ गंगानगरी से भी जुड़ी है, जो उत्तराखंड की देश प्रसिद्ध पंतनगर कृषि यूनिवर्सिटी में संबोधन करने के लिए दो अगस्त 2008 को दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे से होकर गए थे। यहां पहुंचने पर वह पर्यटन विभाग के राही होटल में करीब 23 मिनट तक ठहरे थे। उन्होंने होटल में मौजूद व्यापारी नेता दिनेश गर्ग सोनू से ट्रांसलेटर के माध्यम से महाभारत कालीन गढ़मुक्तेश्वर गंगानगरी के पौराणिक इतिहास के विषय में प्रचलित गाथा सुनी थी। व्यापारी दिनेश गर्ग सोनू बताते हैं कि खादर में गंगा किनारे प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले पौराणिक मेले का अतीत महाभारत के युद्ध से जुड़ा होने के संदर्भ में पूर्व राष्ट्रपति ने गंभीरता के साथ दिलचस्पी लेते हुए सुना था। उन्होंने सदियों से उपेक्षित गढ़-ब्रजघाट गंगानगरी को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित कराने को हरसंभव स्तर पर वार्ता करने का भरोसा भी दिया था। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति के साथ पंतनगर यूनिवर्सिटी जा रहे कई देश के नामचीन वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ भी गढ़-ब्रजघाट गंगानगरी के पौराणिक महत्व से परिचित हुए थे। व्यापारी दिनेश गर्ग सोनू कहते हैं कि 27 जुलाई 2015 को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का शिलांग में आकस्मिक निधन होने की खबर मिलते ही उन्हें तगड़ा झटका लगा था, जबकि उनके आगमन की याद से जुड़े राही होटल के कर्मचारी भी फूट फूटकर रोए थे।