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इस बार गंगा मेले में कम बजट में मिलेगी अच्छी सुविधाएं

कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले पर लगने वाले ऐतिहासिक मेला की तैयारियां जोर पकड़ रही है। सड़क बनाने का काम चल रहा है। वहीं मूर्तियों व सड़क रंगाई-पुताई भी की जाने लगी है। मेला स्थल हालांकि अभी सपाट मैदान जैसा ही है, लेकिन ट्रैक्टर, श्रमिकों की मौजूदगी वीरान क्षेत्र के रोज आबाद कर रही है। गढ़ खादर के प्रवेश द्वार से मेला स्थल को जाने वाली रोड का पक्का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं मेला स्थल पर सड़कों, मनोरंजन के साधनों, टेंटों, बाजार इत्यादि के लिए ग्रामीण तेजी से फसल काटने में लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 03:04 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 03:04 PM (IST)
इस बार गंगा मेले में कम बजट में मिलेगी अच्छी सुविधाएं
इस बार गंगा मेले में कम बजट में मिलेगी अच्छी सुविधाएं

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर

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कार्तिक पूर्णिमा गंगा उत्सव पर लगने वाले ऐतिहासिक मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। मेला परिसर में सड़क बनाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। क्षेत्र में मौजूद मूर्तियों की रंगाई-पुताई भी की जाने लगी है। मेला स्थल पर खड़ी फसलों को किसान तेजी से काटने लगे हैं। रविवार को गंगा मार्ग, पशु मेला मार्ग आदि क्षेत्र चिनह्ति कर वहां सड़क बनाने का काम तेज कर दिया गया। प्रवेश द्वार पर बनी देवी-देवताओं की मूर्तियों की मरम्मत और पुताई कर लोग उन्हें नया जैसा बनाने में जुटे हैं। सड़क किनारे खड़े पेड़ों पर भी वन विभाग द्वारा सफेद रंग की पट्टी पुतवाई जा रही है ताकि रात्रि में आने जाने वालों को दिक्कत नहीं हो। मेला अधिकारी ज्योति राय ने मेला स्थल पर चल रही तैयारियों का निरीक्षण किया। मेला अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि निर्धारित तिथि तक सभी काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए सभी ठेकेदारों पर पहले दिन से ही दबाव बनाया जा रहा है।

निराश होकर लौट रहे स्वयंसेवक

ऐतिहासिक गंगा मेले को तैयारियां भले ही जोर शोर से चल रही हों किन्तु संस्थाओं के शिविर लगाने के लिए जगह निर्धारित करने के लिए पहुंचने वालों को निराश होकर ही लौटना पड़ रहा है। इस विशाल मेले में सरकारी विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं और श्रद्धालुओं के तंबू लगते हैं। सरकारी विभागों के कर्मचारी और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा शिविर लगाए जाने के लिए जगह मांगने के लिए लोग रोज मेला स्थल पर पहुंच रहे हैं। अभी तक सड़कों का निर्माण पूरा नहीं होने और सेक्टरों की सीमाएं तय नहीं होने के कारण उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि देरी में पहुंचने पर शिविरों के लिए सुविधानुसार जगह नहीं मिल पाती है। इसी कारण स्वयंसेवक अभी से जगह पाने के लिए गंगा घाट पहुंचने लगे हैं। श्रद्धालुओं को मिलेंगी पहले से अधिक सुविधाएं

जिला पंचायत अध्यक्ष अमृता कुमारी ने बताया कि इस बार गंगा मेले में श्रद्धालुओं को पहले से अधिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि कम बजट में श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। अधिकारियों को भी इस बारे में निर्देश दे दिए गए हैं। गंगा मेले में सड़कों का निर्माण भी अच्छी तरह से कराने की हिदायत दी गई है। बिजली, पानी, शौचालय, घाटों पर महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए स्नान घाट पर्याप्त संख्या में बनवाए जाएंगे।


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