जागरण लाइव:साप्ताहिक बंदी के बाद गुलजार रहे बाजार, लोगों में नहीं दिखा कोरोना का खौफ
जागरण संवाददाता हापुड़सरकार ने लॉकडाउन की अधिकांश बंदियों को हटा दिया है। एक त
जागरण संवाददाता, हापुड़:
सरकार ने लॉकडाउन की अधिकांश बंदियों को हटा दिया है। एक तरफ जहां जनपद में लगातार कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में बड़ा इजाफा हो रहा है। दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन भी सुस्त हो चला है। लोग भी अपनी जान की परवाह करते नहीं दिख रही हैं। पुलिस- प्रशासन की उदासीनता के चलते लोग नियम-कायदे सब भूल चुके हैं। रविवार को साप्ताहिक बंदी के बाद जहां बाजार गुलजार रहे। वहीं लोगों ने भी जमकर खरीदारी नहीं की। सावधानी व एहतियात बरतना तो दूरे किसी भी व्यक्ति के चेहरे पर कोरोना का तनिक खौफ देखने को नहीं मिला। जागरण के संवाददाता केशव त्यागी व फोटोग्राफर विजय शर्मा ने शहर में पुलिस-प्रशासन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पेश है एक रिपोर्ट---
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सीन 1 -
शहर के पुराना में सड़क के दोनों तरफ की दुकाने खुली थीं। दुकानदार से लेकर ग्राहकों ने मास्क नहीं पहना था। साप्ताहिक बंदी के चलते एक भी पुलिसकर्मी बाजार में मौजूद नहीं दिखा। किसी को न ही नियम कायदों की पड़ी थी और न ही अपनी जान की। ऐसे में संक्रमण फैला तो स्थित कहीं ज्यादा भयावह होगी।
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सीन 2-
नगर के कोठी गेट भी बाजार गुलजार था। दुकानदार जहां बिना मास्क लगाए सामान बिक्री करने में लगे थे। वहीं ग्राहक भी सब कुछ भुलाकर बस खरीदारी में जुटे थे। किसी को कोराना से सावधानी व एहतियात बरतने का जरा भी ख्याल नहीं था। शारीरिक दूरी के नियम की लोगों को कतई परवाह नहीं थी।
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सीन -3
शहर के चांदनी चौक कहे जाने वाला गोल मार्केट रविवार को साप्ताहिक बंदी के बावजूद दिन निकलते ही खुल गया। बाजार में खरीदारी के लिए लोगों की खासी भीड़ उमड़ पड़ी। हालात को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो कोरोना महामारी नाम की कोई चीज है ही नहीं। सड़क के दोनों किनारे खड़े ठेला पटरी संचालकों से खरीदारी कर रहे ग्राहकों ने ने मुंह पर मास्क तक नहीं लगाया हुआ था। इसके बावजूद भी सख्ती बरतने के लिए कोई पुलिसकर्मी बाजार में नहीं था। ऐसे में संक्रमण फैलने की प्रबल संभावना होती है।