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    Delhi Blast: एनसीआर से सटे इस शहर में सुरक्षा व्यवस्था जस की तस, नियमों की खूब उड़ रहीं धज्जियां

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 12:36 PM (IST)

    दिल्ली में बम विस्फोट के बाद हापुड़ में सुरक्षा व्यवस्था जस की तस है। सड़कों और बाजारों में अवैध पार्किंग आम है, और वाहनों की जांच राम भरोसे चल रही है ...और पढ़ें

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    केशव त्यागी, हापुड़। दिल्ली में हाल ही में हुए बम विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, लेकिन हापुड़ जिले में स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है। जिले की मुख्य सड़कों, बाजार, प्रमुख मार्गों से लेकर रेलवे स्टेशन पर वाहन पार्किंग की तरह खड़े रहते हैं।

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    व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित अन्य पार्किंग में भी वाहन बिना किसी सुरक्षा जांच के खड़े रहते हैं। यहां न तो मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल हो रहा है और न ही कोई संदिग्ध वाहन की तलाशी ली जा रही है। ऐसे में चेकिंग व्यवस्था पूरी तरह राम भरोसे चल रही है। ऐसे में अगर, कोई अनहोनी हुई तो जिम्मेदार नाकामी की लकीर पीटने में जुट जाएंगे।

    सड़कों पर पार्किंग, सुरक्षा मानकों का उल्लंघन

    शहर के व्यस्ततम इलाकों दिल्ली रोड, गढ़ रोड, बुलंदशहर रोड, रेलवे रोड, फ्रीगंज रोड स्थित अन्य स्थानों पर सड़क किनारे वाहन पार्किंग की तरह खड़े किए जाते हैं। कई जगहों पर निजी पार्किंग संचालक बिना किसी जांच-पड़ताल के वाहन खड़े करा रहे हैं। यहां पुलिस कभी आती ही नहीं, न ही संचालकों के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किया जाता है। वहीं कुछ पार्किंग ठेकेदारों ने तो मेटल डिटेक्टर तक नहीं लगवाया है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली में बम विस्फोट के बाद अभी तक दहशत कम नहीं हुई है। यहां तो पार्किंग में वाहन खड़ा कराते वक्त कोई पूछने वाला तक नहीं। अगर कोई संदिग्ध वाहन खड़ा कर दे तो पता भी नहीं चलेगा।

    कागजों तक सीमित रह गई चेकिंग

    जिले में वाहन चेकिंग अभियान भी महज खानापूर्ति साबित हो रहा है। पुलिसकर्मी चालान काटने और कागजात देखने तक सीमित हैं। नाकाबंदी के दौरान भी वाहनों के डिग्गी, सीट के नीचे या अन्य संदिग्ध जगहों की तलाशी नहीं ली जाती। थाना स्तर पर उपलब्ध हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर और डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर ज्यादातर धूल फांक रहे हैं।

    दिल्ली बम कांड के बाद सभी जिलों को हाई अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे। सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, धार्मिक स्थलों और पार्किंग क्षेत्रों में कड़ी चेकिंग के आदेश थे। लेकिन हापुड़ में यह आदेश कागजों तक ही सीमित दिखाई दे रहे हैं।

    आसान टारगेट होते हैं पार्किंग स्थल

    सुरक्षा विशेषज्ञ और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने बताया कि पार्किंग स्थल आतंकियों के लिए सबसे आसान टारगेट होते हैं। दिल्ली कांड के बाद पूरे राज्य में पार्किंग और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी और डाग स्क्वायड की तैनाती अनिवार्य होनी चाहिए थी। लापरवाही घातक साबित हो सकती है।

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    वाहनों की चेकिंग के लिए अभियान लगातार जारी है। पार्किंग में भी चेकिंग व्यवस्था दुरूस्त कराई जाएगी। - कुंवर ज्ञानंजय सिंह, पुलिस अधीक्षक