Hapur: युवती का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले दोषी को दस साल की सजा, कोर्ट ने 30 हजार का जुर्माना भी लगाया
Hapur News मुकदमे पर संज्ञान लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) राखी चौहान ने मुकदमे पर संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। शुक्रवार को सुनवाई निर्णायक मोड़ पर पहुंची। न्यायाधीश ने जावेद को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।
हापुड़ [केशव त्यागी]। युवती का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम ने एक आरोपित को दोषी करार दिया है। जबकि दूसरे आरोपित को साक्ष्यों के आभाव में दोषमुक्त कर दिया है। दोषी को दस वर्ष सश्रम कारावास और 30 हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश त्यागी ने बताया कि 30 अप्रैल 2015 थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी।
जिसमें उसने बताया था कि 30 अप्रैल 2015 को वह पत्नी और बच्चों को साथ घर पर मौजूद था। इस दौरान बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव भमैड़ा का रहने वाला नईमुद्दीन उसकी मां नरगिस और जावेद उसके घर पहुंचे थे। खाना बनवाने में मदद करने की बात कर वह पीड़ित की पुत्री को अपने साथ ले गए थे। काफी देर बाद पुत्री के घर वापस ना लौटने पर पीड़ित आरोपितों के घर पहुंचा।
जिसके बाद पता चला कि नईमुद्दीन और जावेद उसकी पुत्री का अपहरण कर ले गए हैं। बाद में आरोपितों ने पीड़ित की पुत्री के साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी।
मुकदमे पर संज्ञान लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) राखी चौहान ने मुकदमे पर संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। शुक्रवार को सुनवाई निर्णायक मोड़ पर पहुंची। न्यायाधीश ने जावेद को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। वहीं, नईमुद्दीन को अपहरण में सात वर्ष कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड एवं दुष्कर्म करने में दस वर्ष कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोषियों की सभी सजाए एक साथ चलेंगी।
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