मत्स्य हाट में लगेगा गढ़ का मछली बाजार
गंगा भक्तों की धार्मिक भावना अब आहत नहीं होगी। सड़क किनारे मछलियों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बनवाए गए मत्स्य हाट में विक्रेताओं को शिफ्ट किया जाएगा। विक्रेताओं को आवेदन-पत्र नगर पालिका में जमा करना होगा।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : गंगा भक्तों की धार्मिक भावना अब आहत नहीं होगी। सड़क किनारे मछलियों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने के उद्देश्य से नगर पालिका परिषद द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बनवाए गए मत्स्य हाट में विक्रेताओं को शिफ्ट किया जाएगा। विक्रेताओं को आवेदन-पत्र नगर पालिका में जमा करना होगा।
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन ब्रजघाट गंगानगरी में अस्थि विसर्जन, दिवंगत स्वजन के दाह संस्कार, बच्चों के मुंडन और गंगा जी में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं, जिनमें से अधिकांश श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करने के पश्चात महाभारतकालीन गढ़मुक्तेश्वर तीर्थनगरी में अपने कुल पुरोहितों के घर पहुंचकर उनकी पोथी में अपनी वंशावली दर्ज कराते हैं। वहीं फाल्गुन और सावन की कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों शिवभक्त ब्रजघाट गंगा से जल भरकर गढ़ से होकर अपने गंतव्य स्थलों को वापसी करते हैं। इसके अतिरिक्त सैकड़ों श्रद्धालु मुक्तेश्वरा महादेव और गंगा मंदिर समेत प्राचीन धर्म स्थलों के दर्शन करने भी आते हैं, उन्हें मीरा रेती मार्ग पर सड़क किनारे मछलियों की बिक्री और कटान होने से आवागमन में परेशानी होती है और उनकी धार्मिक भावना भी आहत होती है। भाजपा और सहयोगी संगठनों समेत सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों के किनारे होने वाली मछलियों की बिक्री को रोकने को कई सालों से धरना-प्रदर्शन करने के साथ ही आला अफसरों से भी गुहार लगाते आ रहे हैं, जिसके मद्देनजर पालिका परिषद ने मीरा झंडे के पास स्थित खत्ते वाली भूमि में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 2016 में 17 लाख रुपये की लागत से 10 दुकानों वाले मत्स्य हाट का निर्माण कराया था, परंतु इसके बाद भी सड़कों के किनारे हो रही मछलियों की बिक्री बंद नहीं हो पा रही है। इसे देखते हुए तहसील प्रशासन के कड़े निर्देशन में पालिका प्रशासन ने सड़कों के किनारे मछली बेचने वालों को मत्स्य हाट में शिफ्ट कराने की कवायद प्रारंभ कर दी है। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सोना सिंह ने बताया कि इच्छुक मत्स्य व्यवसाई और विक्रेता अपने आवेदन पालिका के अधिशासी अधिकारी अथवा मत्स्य पालक विकास अभिकरण कार्यालय हापुड़ में जमा करा दें, जिन्हें मासिक किराए के आधार पर मत्स्य हाट में बनीं दुकानों का आवंटन किया जाएगा। अधिशासी अधिकारी संजीवन राम ने बताया कि सड़कों के किनारे मछली बेचने वालों को अब मत्स्य हाट में शिफ्ट कराया जाएगा, जिसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।