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¨सभावली चीनी मिल में जांच करने पहुंची एसडीएम, नमूने लिए

मिल से निकलने वाले दूषित पानी के गंगा में डाले जाने के आरोपों की जांच करने के लिए रविवार दोपहर उपजिलाधिकारी टीम के साथ मिल में पहुंच गईं। यहां उन्होंने ईटीपी के चलने, खराब पानी के निस्तारण और पूठ जाकर जांच की। उपजिलाधिकारी ने मिल के निकटवर्ती गांवों के हैंडपंपों से निकलने वाले पानी की जांच के लिए सैंपल भरवाए। साथ ही मिल में बने तालाब की जांच के लिए एक्सपर्ट टीम को बुलाया है। उपजिलाधिकारी ज्योति राय ने बताया कि जिलाधिकारी को शिकायत मिली थी कि ¨सभावली शुगर मिल का दूषित पानी गंगा में डाला जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 04:25 PM (IST)
¨सभावली चीनी मिल में जांच करने पहुंची एसडीएम, नमूने लिए
¨सभावली चीनी मिल में जांच करने पहुंची एसडीएम, नमूने लिए

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : ¨सभावली चीनी मिल से निकलने वाले दूषित पानी गंगा में डाले जाने के आरोपों की जांच करने के लिए उपजिलाधिकारी रविवार दोपहर मिल में पहुंच गईं। उन्होंने ईटीपी के संचालन, खराब पानी के निस्तारण किए जाने और पूठ में गंगा में केमिकलयुक्त पानी गिरने के आरोप की जांच की।

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उपजिलाधिकारी ने मिल के निकटवर्ती गांवों के हैंडपंपों से निकलने वाले पानी के नमूने लिए। मिल परिसर में बने तालाब के पानी की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है। उपजिलाधिकारी ज्योति राय ने बताया कि जिलाधिकारी से ¨सभावली चीनी

मिल का केमिकलयुक्त पानी गंगा में डाले जाने की शिकायत की गई थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी और प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की टीम गठित कर आरोपों की जांच के आदेश दिए थे। जिलाधिकारी के आदेश पर रविवार दोपहर वह ¨सभावली चीनी मिल में जांच करने पहुंचीं। उपजिलाधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान ईटीपी चलती मिली। मिल में बनाए गए तालाब के पानी की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाई जाएगी। वह टीम जांच करेगी कि तालाब में भरा पानी जमीन में तो नहीं जा रहा है। निकटवर्ती गांवों के पानी के स्तर और पानी की जांच के लिए नमूने लिए गए हैं।

इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविकता का पता चल पाएगा।

जांच के दौरान मिल के प्रशासनिक अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया कि लगून (गंदा पानी एकत्र करने का स्थान) से

रिसाव नहीं होने देने के लिए रोधी पदार्थ की मोटी को¨टग कराई हुई है। इस केमिकल युक्त पानी से खाद बनाया जाता है। इसके बाद उपजिलाधिकारी ने पूठ में जाकर जांच की। जांच के दौरान उन्हें गंगा में प्रदूषित पानी डाले जाने के सबूत नहीं मिले। उन्होंने स्याना रोड पर स्थित नाले की भी जांच की। उपजिलाधिकारी ने बताया कि जल्द ही जांच पूरी करके जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।


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