गांवों में अनुमति लिए बिना बेचे जा रहे पटाखे
भले ही पुलिस प्रशासन पटाखों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए पूरी तरह सक्रिय होने की बात कर रहा हो लेकिन इसके बावजूद भी गांवों व गलियों में अवैध पटाखों की बिक्री जोरदार तरीके से की जा रही है। जिस पर कोई अंकुश नजर नहीं आ रहा है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने जहां पटाखे चलाने के लिए कुछ नियम व समय तय किया है। वहीं सुरक्षा की ²ष्टि से प्रशासन ने आबादी के अंदर पटाखों को बेचने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
संवाद सहयोगी, धौलाना:
सर्वोच्च न्यायालय और सरकार के आदेश पर पुलिस पटाखों की अवैध बिक्री को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है। इसे रोकने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए गए हैं, इसके बावजूद गांवों में और शहरी क्षेत्र की गलियों में अवैध पटाखों की बिक्री जोरदार तरीके से की जा रही है। इस वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने बच्चों को राहत देते हुए पटाखे चलाने के लिए कुछ नियम और समय निर्धारित किए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने आबादी क्षेत्र में पटाखे बेचने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। पटाखों की बिक्री के लिए दो स्थान निर्धारित किए गए हैं। इन स्थानों पर प्रशासन से अनुमति लेकर ही दुकानदार पटाखे बेच सकते हैं, लेकिन गांवों में ऐसा नहीं हो पा रहा है। गांवों में शायद ही कोई दुकान बची हो, जिस पर पटाखे नहीं बेचे जा रहे हों। पटाखे दुकानों के अंदर छिपाकर बेचे जा रहे हैं। धौलाना, सपनावत, समाना और यूपीएसआईडीसी क्षेत्र की दुकानों पर पटाखे आसानी से उपलब्ध हैं। प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है या जानबूझकर अनेदखा किया जा रहा है। उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद का कहना है कि अवैध तरीके से पटाखे नहीं बेचने दिए जाएंगे। इसके लिए पुलिस और अग्निशमन विभाग को आदेश दिए गए हैं।