सड़क हादसे के शिकार दरोगा सचिन राठी को दी अंतिम विदाई, सबने कहा- बहुत याद आएंगे आप
बुधवार सुबह पोस्टमार्टम कराने के बाद दरोगा के शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां अधिकारियों ने दरोगा के शव को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतिम संस्कार के लिए पुलिस व स्वजन पार्थिव शरीर को लेकर मुजफ्फरनगर रवाना हो गए।
हापुड़ [केशव त्यागी]। थाना सिंभावली में तैनात दरोगा सचिन राठी की मंगलवार रात सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद दरोगा के शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां एडीजी, आइजी, डीएम, एसपी, एडीएम व एएसपी समेत पुलिस अधिकारियों ने राजकीय सम्मान के साथ दरोगा के शव को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी। मृतक के स्वजन समेत वहां मौजूद सभी पुलिसकर्मियों की आंखे नम हो गईं। अंतिम संस्कार के लिए पुलिस व स्वजन पार्थिव शरीर को लेकर जनपद मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए।
जनपद मुजफ्फरनगर के थाना भोपा क्षेत्र के अंतर्गत गांव धीरा खेड़ी निवासी दरोगा सचिन राठी हापुड़ के थाना सिंभावली में तैनात थे। मंगलवार की देर रात सिंभावली के गांव दतियाना में परिवारिक विवाद के चलते शुभम ने अपने भाई व दो अन्य साथियों के साथ मिलकर चाचा मोहित को गोली मार दी थी। स्वजन ने घायलावस्था में मोहित को हापुड़ नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। वारदात की जानकारी पर दरोगा सचिन राठी घायल को देखने के लिए अस्पताल जा रहे थे। गांव सिखेड़ा के पास पहुंचने पर अज्ञात वाहन ने दरोगा की बाइक में टक्कर मार दी थी। हादसे में दरोगा की मौके पर ही मौत हो गई।
बुधवार सुबह पोस्टमार्टम कराने के बाद दरोगा के शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां अधिकारियों ने दरोगा के शव को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मेरठ जोन एडीजी राजीव सभरवाल, आइजी प्रवीन कुमार, डीएम अनुज सिंह, एसपी नीरज कुमार जादौन, एडीएम जयनाथ यादव, एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, सीओ सिटी वैभव पांडेय, सीओ पिलखुवा डाॅ. तेजवीर सिंह, सीओ गढ़मुक्तेश्वर पवन यादव समेत काफी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे। पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद दारोगा के शव को पूरे सम्मान के साथ मुजफ्फरनगर के लिए रवाना किया गया।
स्वजन समेत पुलिसकर्मी की आंखें हुई नम
पुलिस लाइन में दरोगा के शव से लिपटकर स्वजन विलाप कर रहे थे। पुलिसकर्मी किसी तरह परिवार के लोगों को सांत्वना देकर शांत कराने का प्रयास कर रहे थे। यह वह क्षण था, जब पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गईं।