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पें¨टग प्रतियोगिता का आयोजन कर किसानों को करेंगे प्रेरित

फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति कृषकों को जागरुक करने के लिए शासन ने नया तरीका निकाला है। कृषकों को जागरुक करने के लिए तहसील स्तर पर पें¨टग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। Þफसल अवशेष न जलाएं'विषय पर एक अक्टूबर को आयोजित होने वाली पें¨टग प्रतियोगिता में

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 05:37 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 05:37 PM (IST)
पें¨टग प्रतियोगिता का आयोजन कर किसानों को करेंगे प्रेरित
पें¨टग प्रतियोगिता का आयोजन कर किसानों को करेंगे प्रेरित

गौरव भारद्वाज, गढ़मुक्तेश्वर : फसलों के अवशेषों का जला कर नष्ट करने के प्रयास से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति कृषकों को जागरूक करने के लिए शासन ने नया तरीका निकाला है। कृषकों को जागरूक करने के लिए तहसील स्तर पर पें¨टग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।'फसल अवशेष न जलाएं' विषय पर एक अक्टूबर को आयोजित होने वाली पें¨टग प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दो अक्टूबर को नकद इनाम देकर पुरस्कृत भी किया जाएगा। प्रतियोगिता के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग और कृषि विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण के लिए जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत एक अक्टूबर को कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए'फसल अवशेष न जलाएं'शीर्षक से तहसील स्तर पर पें¨टग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। एक अक्टूबर को ही प्रतियोगिता में शामिल पें¨टग्स का मूल्यांकन किया जाएगा। दो अक्टूबर को स्वच्छता अभियान के अवसर पर विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले विद्यार्थी को 10 हजार रुपये, द्वितीय स्थान पाने वाले को 7,500 रुपये और तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थी को पांच हजार रुपये का पुरस्कार कृषि विभाग द्वारा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त जनपद के सफल प्रतिभागियों को प्रदेश स्तर पर भी पुरस्कृत किया जाएगा। दस सबसे अच्छी पें¨टग बनाने वाले विद्यार्थियों को 26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले कृषि कुंभ में विशेष पुरस्कार दिया जाएगा। इसमें से 50 चयनित पें¨टग्स को कृषि कुंभी के थीम गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा। पें¨टग प्रतियोगिता की तैयारी जिला विद्यालय निरीक्षक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से शुरू होगी। --फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को होता है नुकसान

जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि फसल अवशेष जलाना एक गंभीर समस्या है। जनपद में पिछले कुछ वर्षों से धान एवं गेहूं की कंबाइन से कटाई/मड़ाई किए जाने के कारण अधिकांश क्षेत्रों में कृषकों द्वारा फसल अवशेष को जलाया जाता है। इससे वातावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ मिट्टी में पोषक तत्वों की भी अत्यधिक कमी आती है। यही नहीं मिट्टी के भौतिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके प्रति जागरूक करने के लिए होर्डिंग्स, दीवार लेखन, समाचार पत्रों में विज्ञापन का प्रकाशन एवं कृषक जागरूकता शिविर आदि के माध्यम से कृषकों को जागरूक किया जाएगा।


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