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किसानों का गन्ने की खेती से हो रहा मोह भंग, घट रहा रकबा

किसानों का गन्ना की खेती से मोह भंग हो रहा है। इसकी वजह उनका समय से भुगतान नहीं होना है। इस कारण वह अपनी पूंजी नहीं निकाल पा रहे हैं। घाटे का सौदा बनने के कारण किसान अन्य फसलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। क्षेत्र में गन्ने का रकबा बीते साल की अपेक्षा दो हजार हेक्टेयर कम हो गया है। जबकि यह दो साल पहले के सापेक्ष छह हजार हेक्टेयर कम है। यानि साल दर साल रकबा घट रहा है। जो गन्ना विभाग के लिए चिता का विषय है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 07:37 PM (IST)
किसानों का गन्ने की खेती से हो रहा मोह भंग, घट रहा रकबा
किसानों का गन्ने की खेती से हो रहा मोह भंग, घट रहा रकबा

जागरण संवाददाता, हापुड़:किसानों का गन्ना की खेती से मोह भंग हो रहा है। इसकी वजह समय से गन्ना भुगतान नहीं होना है। इस कारण वह अपनी पूंजी नहीं निकाल पा रहे हैं। घाटे का सौदा बनने के कारण किसान अन्य फसलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। क्षेत्र में गन्ने का रकबा बीते साल की अपेक्षा दो हजार हेक्टेयर कम हो गया है, जबकि यह दो साल पहले के सापेक्ष छह हजार हेक्टेयर कम है। यानि साल दर साल रकबा घट रहा है। जो गन्ना विभाग के लिए चिता का विषय है।

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समय के साथ गन्ना की खेती करने वाले किसानों का रुझान इसके प्रति कम होता चला गया। पहले किसान उत्साह के साथ गन्ने की पैदावार करते थे। वहीं, किसान अब भुगतान के चलते इससे दूरी बना रहे हैं। एक दौर था जब किसानों को भुगतान के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता था। चीनी मिलों द्वारा उन्हें समय पर भुगतान कर दिया जाता था, पर अब गन्ने का भुगतान कब होगा, उन्हें खुद इस बात का पता नहीं होता है। जनपद में सिभावली और ब्रजनाथपुर दो चीनी मिलें हैं। वहीं जिले में तीन गन्ना सहकारी समितियां हैं। गन्ना समितियां किसानों को बीज, खाद व ऋण आदि उपलब्ध कराती हैं। वहीं, गन्ने की खरीदारी व भुगतान का जिम्मा भी इन्हीं पर होता है। ये गन्ना समितियां किसानों को भुगतान नहीं करवा पा रही हैं। जिले के किसानों का दोनों चीनी मिलों पर चार अरब रुपये से अधिक बकाया है। इसका असर गन्ने के रकबे पर पड़ रहा है। हाल ही में हुए गन्ना सर्वे में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसमें पता चला है कि पिछले वर्ष जनपद में 40 हजार 144 हेक्टेयर भूमि में गन्ना था, जो इस बार सर्वे में लगभग 38 हजार हेक्टेयर भूमि में गन्ने का उत्पादन है। इसमें 17 हजार 151 हेक्टेयर में पौधा और 20 हजार 845 हेक्टेयर में पैड़ी है।

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क्या कहती हैं अधिकारी

जनपद में आठ मई से गन्ना सर्वे शुरू हुआ था। 325 राजस्व गांवों के सापेक्ष 323 गांवों में सर्वे पूरा हो चुका है। जो 99.38 प्रतिशत है। इसमें लगभग 38 हजार हेक्टेयर भूमि में गन्ना होने की जानकारी मिली है। जल्द ही सर्वे की पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी। वहीं, जहां तक भुगतान की बात है तो चीनी मिल प्रबंधनों को चेतावनी दी गई है। वह जल्द भुगतान करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।

निधि गुप्ता, जिला गन्ना अधिकारी


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