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गन्ना मूल्य पर लगी किसानों और चीनी मिल प्रबंधन की निगाह

खेतों में गन्ना तैयार खड़ा है। चीनी मिलें जल्दी ही पेराई शुरू करने की तैयारी में हैं पर अभी तक राज्य सरकार ने गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया है। इससे किसानों में ¨चता है। वहीं मिल प्रबंधन भी गन्ना मूल्य घोषित न होने से असमंजस के दौर से गुजर रहा है। किसानों का कहना है कि गन्ना मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति कुंतल होना चाहिए। दूसरी ओर चीनी मिल प्रबंधन गन्ना मूल्य बढ़ने के अंदेशे से परेशान हैं। मिल प्रतिनिधियों का कहना है कि मौजूदा गन्ना मूल्य देकर चीनी बनाने में लागत वसूल नहीं हो पा रही है। घाटे के हालात हैं। ऐसे में सरकार बताए चीनी

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 06:27 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 06:27 PM (IST)
गन्ना मूल्य पर लगी किसानों और चीनी मिल प्रबंधन की निगाह
गन्ना मूल्य पर लगी किसानों और चीनी मिल प्रबंधन की निगाह

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : चीनी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू होने के बावजूद राज्य सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित नहीं कर पाई है। इस कारण किसानों में ¨चता का माहौल है। चीनी मिल प्रबंधन भी गन्ना मूल्य घोषित नहीं होने के कारण असमंजस में है। किसान गन्ने का समर्थन मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति ¨क्वटल किए जाने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर चीनी मिल प्रबंधन गन्ने का मूल्य बढ़ने की संभावना के कारण ¨चतित है। मिल प्रबंधन के प्रतिनिधियों का कहना है कि मौजूदा गन्ना मूल्य देकर चीनी बनाने में उनकी लागत भी वसूल नहीं हो पा रही है। इन दामों का भुगतान करने पर मिलें घाटे की स्थिति में हैं। यदि गन्ने का मूल्य बढ़ाया गया तो चीनी मिलें पेराई नहीं कर पाएंगी। सरकार को गन्ने का समर्थन मूल्य चीनी के दाम देखकर तय करना चाहिए अथवा चीनी के दामों में वृद्धि की जानी चाहिए।

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इस बीच जिला गन्ना अधिकारी ओ.पी. ¨सह ने बताया कि शासन स्तर पर गन्ना मूल्य को लेकर मंथन चल रहा है। सरकार किसी भी दिन गन्ना मूल्य घोषित कर सकती है। बीते सत्र में अगेती प्रजाति के गन्ने का भाव 325 रुपये प्रति ¨क्वटल था, जबकि सामान्य प्रजाति के गन्ने का दाम 315 रुपये प्रति ¨क्वटल और रिजेक्ट प्रजाति के गन्ने का दाम 310 रुपये प्रति ¨क्वटल था। जनपद में 60 हजार से अधिक गन्ना किसान हैं। इन परिवारों में लगभग चार लाख लोग सीधे जुड़े हुए हैं। -क्या कहते हैं किसान

चीनी मिलें घाटे में नहीं फायदे में चल रही हैं। यदि सरकार चीनी मिलों का ध्यान रखेगी तो किसानों को मुख्य धारा में जोड़ने के दावे खोखले हो जाएंगे। सरकार को अधिक से अधिक गन्ना मूल्य बढ़ाना चाहिए।

--संजीव त्यागी, कुलपुर गांव

किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। यदि सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना चाहती है तो गन्ने के समर्थन मूल्य में वृद्धि किया जाना अति आवश्यक है। इस क्षेत्र में अधिकतर गन्ना उत्पादक किसान हैं। गन्ना मूल्य कम से कम 450 रुपये प्रति ¨क्वटल निर्धारित किया जाना चाहिए।

--चुन्ने प्रधान, गांव पौपाई यदि वाकई में सरकार किसानों की आय दोगुना करना चाहती है तो गन्ना मूल्य में काफी वृद्धि करनी होगी। इसके अलावा गन्ना मूल्य का भुगतान भी जल्दी कराने का प्रयास करना होगा। उम्मीद है कि सरकार इस वर्ष गन्ने का मूल्य कम से कम 400 रुपये प्रति ¨क्वटल अवश्य निर्धारित करेगी। --मदहत अली मुखिया, गांव बदरखा सरकार को चीनी मिलों का नहीं किसानों के हित में सोचकर निर्णय लेना होगा। तभी गन्ना मूल्य में वृद्धि संभव है। यदि गन्ना मूल्य में वृद्धि नहीं हुई तो किसान आक्रोशित हो सकते हैं।

--सतपाल प्रधान, फरीदपुर


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