Hapur News: हापुड़ के किसान की नील गाय के झुंड से कुचलने पर मौत
Hapur News किसानों की सूचना पर पहुंचे स्वजनों उसे स्थानीय अस्पताल ले गए। जहां पर डाक्टर ने किसान को मृत घोषित कर दिया। हादसा के बाद किसान के स्वजन में चीख पुकार मच गई। मृतक के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था।
हापुड़/ गढ़मुक्तेश्वर संवाद सहयोगी। बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव पसवाड़ा में खेत में निराई करने के दौरान किसान को नील गायों के झुंड ने कुचल दिया। चोट लगने से घायल हो गया। किसान को स्वजन ने स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में डाक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया। किसान की मौत होने के बाद उसके स्वजन में कोहराम मच गया। थाना क्षेत्र के गांव पसवाड़ा निवासी किसान भगवत सिंह शुक्रवार दोपहर खेत में गन्ने की फसल में निराई कर रहा था।
तभी अचानक खेतों से नीलगायों का झुंड निकला। तेज रफ्तार दौड़ती नीलगायों से किसानों खुद को बचा न सका और टक्कर लगने से गिर गया। इसके बाद नील गायें उसके शरीर से होकर गुजरती रहीं, जिससे वह गंभीर घायल हो गया। किसानों की सूचना पर पहुंचे स्वजनों उसे स्थानीय अस्पताल ले गए। जहां पर डाक्टर ने किसान को मृत घोषित कर दिया। हादसा के बाद किसान के स्वजन में चीख पुकार मच गई। मृतक के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था।
हादसों की वजह बनती रहीं हैं नील गायें
गढ़ क्षेत्र में नीलगायें न सिर्फ फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि हादसों का कारण भी बनती रही हैं। पसवाड़ा में किसान की मौत के बाद से पूर्व भी नानपुर गांव के निकट भी गत दिनों मेरठ निवासी एक व्यक्ति की कार में नील गाय सीसा तोड़कर घुस गई थी। उस दौरान हादसे में वह बाल बाल बच गया था। इसके अलावा भी चार पहिया वाहन भी अचानक सामने आने से दुर्घटनाग्रस्त होते रहे हैं।
गंगा की तलहटी में सर्वाधिक आतंक
वैसे तो क्षेत्र के कई गांव नीलगाय के आतंक से परेशान हैं, लेकिन गंगा किनारे के क्षेत्र में आतंक ज्यादा है। यहां के किसान फसल में किए जा रहे नुकसान को लेकर कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। किसानों को फसल की रखवाली करनी पड़ती है। नीलगायों के झुंड दिखते ही किसान पटाखे चलाते हैं तो आवाज सुनकर भाग जाती हैं।
क्या कहते है अधिकारी
- नील गाय के हमले में किसान की मौत की जानकारी मिल सकी, टीम को भेज मामले की जांच कर संबंधित कार्रवाई की जाएगी। राजेश कुमार वन क्षेत्राधिकारी