लेटलतीफी के कारण रुका गौशाला का अनुदान
साधिकारी डा. प्रमोद कुमार का कहना है कि गौशाला के पदाधिकारियों ने दस्तावेज कुछ समय पहले ही दिए हैं। पूर्व में मिले अनुदान की पहले जांच की जाएगी, उसके बाद ही नए अनुदान का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। वहीं, श्री पंचायती गौशाला के मंत्री सुरेश गुप्ता का कहना है कि दस्तोवजों की जांच जल्द से जल्द होनी चाहिए। अन्यथा, देरी होने के कारण अनुदान फिर नहीं मिल सकेगा। ---------
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
पशुपालन विभाग की लापरवाही और पिछले साल मिले अनुदान की जांच में देरी के कारण गौशाला को इस वर्ष मिलने वाला करीब डेढ़ करोड़ रुपये का अनुदान नहीं मिल पाया है। इस कारण गौशाला के संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद निजी गौशालाओं को भी अनुदान देने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद पिछले वर्ष हापुड़ की श्री पंचायती गौशाला को एक करोड़ 17 लाख का अनुदान दिया गया था।
बता दें कि गौशाला के प्रबंधन ने इस अनुदान के रुपयों को खर्च तो किया, लेकिन कितना रुपया कहां और किस प्रकार खर्च किया, इसकी जानकारी नहीं दी। इसी बीच नया वर्ष शुरू होने के बाद गौशाला के पदाधिकारियों ने फिर से अनुदान की मांग तो की, लेकिन पुराना हिसाब नहीं दिया।
कुछ समय तक जब कोई पत्र नहीं आया तो पिछले खर्च की जानकारी न देने के कारण नए अनुदान को रोकने की जानकारी दी गई। करीब एक माह पूर्व गौशाला के पदाधिकारियों ने पुराने खर्च का ब्यौरा पशु पालन विभाग को दिया, लेकिन पशु पालन विभाग अब दस्तावेजों की जांच में देरी और लापरवाही बरत रहा है। जिस कारण गौशाला को अनुदान नहीं मिल पाया है।
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. प्रमोद कुमार का कहना है कि गौशाला के पदाधिकारियों ने दस्तावेज कुछ समय पहले ही दिए हैं। पूर्व में मिले अनुदान की पहले जांच की जाएगी, उसके बाद ही नए अनुदान का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
वहीं, श्री पंचायती गौशाला के मंत्री सुरेश गुप्ता का कहना है कि दस्तोवजों की जांच जल्द से जल्द होनी चाहिए। अन्यथा, देरी होने के कारण अनुदान फिर नहीं मिल सकेगा।