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डॉ. पंकज पाठक बने रहेंगे एसएसवी पीजी कालेज के प्राचार्य

जागरण संवाददाता हापुड़ एसएसवी पीजी कालेज में प्राचार्य के पद को लेकर लंबे समय से चली आ र

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 08:13 PM (IST)
डॉ. पंकज पाठक बने रहेंगे एसएसवी पीजी कालेज के प्राचार्य

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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एसएसवी पीजी कालेज में प्राचार्य के पद को लेकर लंबे समय से चली आ रही खींचतान पर शनिवार को कुछ ब्रेक लगा है। कालेज की प्रबंध समिति की हंगामेदार बैठक के बाद अब डॉ. पंकज पाठक ही प्राचार्य बने रहेंगे, जिसके बाद मधुसूदन त्रिपाठी को इस पद से हटना होगा। बैठक में कई अन्य प्रस्तावों पर भी मुहर लगी है।

बता दें कि कालेज में एडमिशन प्रक्रिया के दौरान छात्रों के हंगामे और कुछ शिक्षकों द्वारा ऐसे छात्रों को संरक्षण दिए जाने के विरोध में डॉ. पंकज पाठक ने प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिया था परंतु, उनके पास वित्तीय प्रभार मौजूद रहे। हालांकि, उनके इस्तीफे को विचाराधीन श्रेणी में रख दिया गया था। इसी बीच डॉ. मधुसूदन त्रिपाठी को कार्यवाहक प्राचार्य का चार्ज दे दिया गया था। जबकि, मधुसूदन त्रिपाठी को प्राचार्य की अनुपस्थिति में चार्ज न दिए जाने का प्रस्ताव भी सदन की बैठक में पहले ही पास हो चुका था। बताया जा रहा था कि इस चार्ज के बाद से ही प्रबंध समिति के बीच गहमा गहमी शुरू हो गई थी। मधुसूदन त्रिपाठी को चार्ज देने के अगले ही दिन समिति के उप मंत्री अमित अग्रवाल जोनी छावनी वालों ने 15 सितंबर 2020 को प्रधान विजय कुमार गोयल को पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने बताया था कि 27 जनवरी 2020 की बैठक के प्रस्ताव संख्या 02 का यह उल्लंघन है। क्योंकि उक्त प्रस्ताव में प्राचार्य के अवकाश पर जाने पर डा. मधुसूदन त्रिपाठी को चार्ज न दिए जाने का प्रस्ताव था।

गौरतलब है कि 14 सितंबर 2020 को डॉ. मधुसूदन त्रिपाठी को डॉ. पंकज पाठक द्वारा अवकाश लिए जाने पर कार्यवाहक प्राचार्य का चार्ज दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। शनिवार को कालेज सभागार में कई एजेंडों को लेकर प्रबंध समिति की हंगामेदार बैठक हुई, जिसमें डॉ. पंकज पाठक का इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया। साथ ही सीसीएसयू से वरिष्ठता सूची को लेकर चल रहे मामले में फैसला आने तक डॉ. पंकज पाठक के ही प्राचार्य पद पर बने रहने का निर्णय लिया गया। साथ ही 27 जनवरी 2020 के प्रस्ताव संख्या 2 के निर्णय को ही सर्वसम्मति से पालन कराने का निर्णय किया। बैठक में उपमंत्री द्वारा प्रधान विजय गोयल को लिखे गए पत्रों के आधार पर ही निर्णय लिया गया।

इसके अतिरिक्त बैठक में पांच प्रध्यापकों का एक वर्ष का परिविक्षा काल पूर्ण होने पर इनकी सेवाओं का स्थायीकरण कर दिया गया। चयन आयोग द्वारा आए असिस्टेंट प्रोफेसरों के नवीन सृजित पदों पर चार नियुक्तियों की स्वीकृति की गई।

इस दौरान प्रबंध समिति के प्रधान विजय गोयल, मंत्री सुरेश चंद संपादक, उप मंत्री अमित अग्रवाल जोनी छावनी वाले, ऑडिटर सुशांत बंसल, बिजेंद्र गर्ग लोहे वाले, उत्तम चंद गोयल, जयभगवान गौतम, जगदीश प्रसाद जग्गी, दिनेश शर्मा, प्रोफेसर आरके गुप्ता, आरडी शर्मा व चार शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद रहे।


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