ओडीएफ ग्राम घोषित होने के बावजूद खुले में शौच जा रहे ग्रामीण
देश को स्वच्छ बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता मिशन के तहत नारी सम्मान की रक्षा हेतु एक बहुत बड़ी रकम पानी की तरह बहाकर गांव गांव घर घर शौचालयों का निमरण कराया जा रहा है। लेकिन तहसील धौलाना के ब्लाक हापुड अंतर्गत आने वाले गांव डहाना में आज भी सैकड़ों परिवारों की महिलाएं तक खुले में शौच जाने के लिए विवश हैं।
संवाद सहयोगी, धौलाना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता मिशन के अंतर्गत नारी सम्मान की रक्षा के नाम पर बड़ी राशि पानी की तरह बहाई जा रही है। इसके बावजूद तहसील धौलाना के गांव डहाना में आज भी सैकड़ों परिवारों की महिलाएं खुले में शौच जाने के लिए विवश हैं।
देश की राजधानी दिल्ली से साठ किलोमीटर दूर जनपद हापुड़ की तहसील धौलाना के गांव डहाना में आज भी सुबह और शाम महिला और पुरुष लोटा लेकर जंगल की ओर जाते दिखाई दे जाते हैं। हालांकि सरकारी दस्तावेजों में इस गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। इस स्थिति से जहां प्रशासनिक दावों की कलई खुल रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी धन का दुरुपयोग किए जाने के आरोप भी लग रहे हैं। इस गांव की प्रधान महिला होने के बावजूद यहां महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ की जा रही है। -क्या कहती हैं गांव की महिलाएं:
- गांव में आज भी तीस साल पुरानी व्यवस्था कायम है। गांव के लगभग दो सौ घरों में शौचालय नहीं है। इस कारण इन परिवारों को आज भी खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। --शकुंतला देवी, ग्रामीण महिला।
- इस गांव में दुल्हन बनकर आई थी तो आशा थी कि घर में शौचालय तो अवश्य होगा। लेकिन यहां आकर देखा तो खुले में शौच के लिए जाने पर मजबूर होना पड़ा। आज तक घर में शौचालय नहीं है।
-- पूनम रानी, ग्रामीण महिला। - आज भी गांव की काफी महिलाओं को शौच के लिए जंगल में जाना पड़ता है। सरकार द्वारा शौचालय बनवाने के लिए दी जा रही मदद का इस गांव के काफी लोगों को लाभ नहीं मिल पाया है।
--राधा देवी, ग्रामीण महिला। कई बार आवेदन किए जाने के बावजूद हमारे घर में शौचालय का निर्माण नहीं कराया जा सका। हर बार कह दिया जाता है कि अगली योजना में शौचालय का निर्माण करा दिया जाएगा। बार-बार केवल आश्वासन ही मिलता है, समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। इस कारण परिवार की महिलाओं को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है।
--बबिता प्रजापति, ग्रामीण महिला। शौचालय निर्माण के लिए कई बार अधिकारियों और जिम्मेदार कर्मचारियों से गांव में दो सौ शौचालय बनवाने की मांग की जा चुकी है। अधिकारी बार-बार आश्वासन देकर टालते रहते है। अब इस समस्या का समाधान कराने के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
--भवेंद्र सिसौदिया, तहसील अध्यक्ष, भाकियू। ----------------------
गांव में चार सौ शौचालय बनवाने की मांग की गई थी, लेकिन केवल 71 शौचालय का निर्माण कराने के लिए ही धन भेजा गया है। शासन से राशि मिलने के बाद 71 शौचालय बनाए जा चुके हैं। यदि शासन और धन उपलब्ध कराता है तो शेष लोगों के घरों में भी शौचालय बनवाए जाएंगे।
-- सुधा सिसौदिया, प्रधान। गांव डहाना में महिलाओं के खुले में शौच जाने की जानकारी मिली है। इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों से जानकारी की जाएगी। गांव के लोगों की समस्या का यथासंभव समाधान किया जाएगा। --हनुमान प्रसाद मौर्य, उप जिला अधिकारी।