सांसदों की सदस्यता समाप्त करने की मांग
बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलकर पुन: एससी एसटी अधिनियम को पूर्ववत कर देने पर सांसदों की सदस्यता समाप्त करने की मांग करते हुए व्यवस्था परिवर्तन मंच के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष छबील ¨सह सिसौदिया ने सवरेच्च न्यायालय को पत्र लिखा है। साथ ही इस पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करने की मांग की है।
संस, धौलाना: बीते दिनों सर्वोच्च न्यायालय का फैसला बदलकर एससी-एसटी अधिनियम को पूर्ववत कर देने पर सांसदों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई है। व्यवस्था परिवर्तन मंच के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष छबील ¨सह सिसौदिया ने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करने की भी मांग की है।
छबील ¨सह सिसौदिया ने पत्र में कहा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देकर सर्वोच्च न्यायालय ने एससी एसटी अधिनियम के अंतर्गत आरोपों की जांच करने के बाद ही गिरफ्तारी करने का आदेश दिया था। संसद ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पलट कर उसे पूर्ववत कर दिया। इससे पूरे देश में एससी-एसटी और सामान्य वर्ग के बीच एक गहरी खाई पैदा हो गई है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से मांग की है कि इस कृत्य के लिए सांसदों की सदस्यता को पांच वर्ष तक के लिए समाप्त कर दिया जाए।