कर्ज लेकर हो रहा पीएमएवाइ के तहत भवन का निर्माण
प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत मकान बना रहे लाभार्थियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। पहली किस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त न मिलने से भवन का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। कुछ लाभार्थी निर्माण कार्य की लागत बढ़ने के डर से कर्ज लेकर निर्मार्ण कार्य जारी रख रहे हैं। पालिका-तहसील स्तर से सुनवाई न होने पर पीड़ित लाभार्थियों ने जिला मुख्यालय के दरवाजे खटखटाना शुरू कर दिया है।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत मकान बना रहे लाभार्थियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। पहली किस्त मिलने के बाद दूसरी किस्त न मिलने से भवन का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। कुछ लाभार्थी निर्माण कार्य की लागत बढ़ने के डर से कर्ज लेकर निर्माण कार्य जारी रख रहे हैं। पालिका-तहसील स्तर से सुनवाई न होने पर पीड़ित लाभार्थियों ने जिला मुख्यालय के दरवाजे खटखटाना शुरू कर दिया है।
नगर के मोहल्ला चटाईवाला निवासी धनवंती पत्नी खेमचंद ने जिलाधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि उसके पास जमीन तो थी, लेकिन सिर छिपाने के लिए छत नहीं थी। जिसके तहत उसने प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत आवेदन किया था। आवेदन के बाद उसका नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल हुआ। मकान बनवाने के लिए 50 हजार रुपये की पहली किस्त मिली। जिससे उसने भवन का निर्माण कार्य शुरू करा दिया। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद दूसरी किस्त की आवश्यकता हुई। इसके लिए पालिका और तहसील में अफसरों के पास कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। काम रुकने पर लागत बढ़ने के डर से उसने ब्याज पर 50 हजार रुपये बतौर कर्ज ले लिया। इसके बाद भी अफसरों ने सुनवाई नहीं की। पीड़िता ने जल्द दूसरी किस्त दिलाने की मांग की है। इसी तरह पालिका क्षेत्र के सुखवीर, हरिकिशन, सुंदर आदि लोग भी कर्ज लेकर भवन का निर्माण कराने को मजबूर हैं। डूडा के परियोजना अधिकारी वाईएस गौतम का कहना है कि दूसरी किस्त के लिए 63 लोगों के नाम लखनऊ भेजे हैं। शासन से अनुमति मिलने के बाद दूसरी किस्त दिलाई जाएगी।