यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशन पर लगेंगी स्वचालित सीढि़यां
गौरव शर्मा, हापुड़ रेलवे यात्रियों को अब एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए
गौरव शर्मा, हापुड़
रेलवे यात्रियों को अब एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए सीढि़यां नहीं चढ़नी पड़ेंगी। यात्रियों की सुविधा के लिए अब मुरादाबाद मंडल के हापुड़ सहित कुल पांच स्टेशनों पर स्वचालित सीढि़यां लगाई जाएंगी। इसके लिए रेलवे मंत्रालय ने बजट पारित कर दिया है। जल्द ही स्वचालित सीढि़यां लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
देश के जिन रेलवे स्टेशनों को मॉडल स्टेशन बनाए जाने की योजना है उनमें हापुड़ का नाम भी शामिल है। रेल बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में कोई रेलगाड़ी चलाने की घोषणा तो नहीं की थी लेकिन रेलवे के आधुनिकीकरण पर काफी जोर दिया था। इस क्रम में मॉडल स्टेशनों पर यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार मुरादाबाद मंडल के कुल पांच स्टेशनों पर स्वचालित सीढि़यां, फुट ओवर ब्रिज और लिफ्ट लगाई जाएंगी। इनमें हापुड़ स्टेशन का नाम भी शामिल है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार हापुड़ स्टेशन पर लिफ्ट तो नहीं लगाई जाएगी, लेकिन स्वचालित सीढि़यां अवश्य लगाई जाएंगी। फुट ओवर ब्रिज और अंडरपास यहां पहले ही बने हुए हैं। प्लेटफार्म नंबर-एक से पांच तक पहुंचने के लिए यात्रियों को फुट ओवर ब्रिज का सहारा लेना होता है। अब फुट ओवर ब्रिज पर चढ़ने के लिए स्वचालित सीढि़यां लगाई जाएंगी।
पहले चरण में इन स्टेशनों पर किया जाएगा काम
रेलवे अधिकारियों के अनुसार मुरादाबाद मंडल में स्वचालित सीढि़यां लगाने का काम कई चरणों में किया जाना है। पहले चरण में रुड़की, देहरादून, मुरादाबाद, बरेली और हापुड़ का नंबर आएगा। इसके बाद शेष स्टेशनों पर काम किया जाएगा। इन स्टेशनों पर काम करने के लिए रेलवे बोर्ड ने करीब 25 करोड़ का बजट पारित किया है।
दिव्यांग और बुजुर्गों को मिलेगी राहत
रेलवे स्टेशन पर स्वचालित सीढि़यां लगाए जाने से दिव्यांगों और बुजुर्ग यात्रियों को राहत मिलेगी। महिला यात्रियों को भी स्वचालित सीढि़यों से सीढि़यां चढ़ने से छुटकारा मिलने से राहत मिलेगी।
स्टेशनों पर स्वचालित सीढि़यां बनाने के लिए बजट स्वीकृत किया गया है। पहले चरण में जिन स्टेशनों का चयन किया गया है। वहां युद्धस्तर पर काम शुरू कराया जाएगा। इससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।
-ए.के. ¨सघल, मंडल रेल प्रबंधक।