आर्य समाज ने दिया धरना
आर्य समाज के पदाधिकारी और सदस्यों ने आर्य समाज मंदिर के गेट पर भारतीय सनातन संस्कृति को बचाने के लिए धरना दिया। प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। धरने को संबोधित करते हुए प्रधान आनंद प्रकाश आर्य ने कहा कि समलैंगिकता को वैध ठहाराया जाना तथा पुरूष महिला द्विपक्षीय
जासं, हापुड़ : आर्य समाज के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भारतीय सनातन संस्कृति पर लगातार किए जा रहे हमलों के विरोध में आर्य समाज मंदिर के मुख्य द्वार पर धरना दिया। इसके बाद सभी लोग एकत्र होकर उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा।
आर्य समाज के प्रधान आनंद प्रकाश आर्य ने कहा कि समलैंगिकता को वैध ठहाराया जाना तथा विवाहेत्तर संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटाए जाना भारत की सनातन संस्कृति पर कुठाराघात है। इससे समाज में अनैतिकता बढ़ेगी। आर्य समाज सर्वोच्च न्यायालय से इन निर्णयों पर पुनर्विचार करने की मांग करता है।
इसके बाद उपजिलाधिकारी कार्यालय जाकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा।
ज्ञापन देने वालों में आनंद प्रकाश आर्य, सुरेंद्र गुप्ता कबाड़ी, मंगल सेन, वीना आर्या, पुष्पा आर्य, अलका अग्रवाल, प्रतिभा भूषण, शकुंतला,बीना, माया, सुरेश ¨सहल, राधा रमण आर्य, सुंदर लाल, विजय शर्मा, अनिल कसेरे, शिवकुमार, सुरेंद्र नाथ आदि मौजूद थे।
आर्य समाज द्वारा जाति प्रथा को समाप्त करने के लिए सामाजिक समरसता का अभियान प्रारंभ किया गया। इस अभियान में विभिन्न मोहल्लों में जाकर घरों में यज्ञ और भजन और वेदमंत्र की व्याख्या कर सत्संग किया जाता है।
मोहल्ला लज्जापुरी में चंद्रपाल ¨सह के आवास पर आर्य समाज के विद्वान पुरोहित धर्मेंद्र शास्त्री ने यज्ञ सम्पन्न कराया। चंद्रपाल ¨सह व उनकी पत्नी ने यजमान के रूप में सपरिवार अग्नि में आहुति प्रदान की। इस अवसर पर आर्य समाज के मंत्री कुंवरपाल ¨सह, संयोजक मंगल सैन गुप्ता, डा. राधारमण, सुरेश ¨सहल, वीना आर्य, सुरजीत ¨सह, सुंदर लाल आर्य, अनिल कसेरे, माया आर्य, पुष्पा, वीना, अलका ¨सहल आदि मौजूद थे।