सालभर में 28 बार चला अभियान, 175 तस्कर पकड़े
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : आबकारी विभाग द्वारा माह में दो से तीन बार अभियान चलाने के बाद भी
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : आबकारी विभाग द्वारा माह में दो से तीन बार अभियान चलाने के बाद भी कच्ची शराब के सौदागर कम होने का नहीं ले रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है आबकारी अधिनियम की धारा-60 के तहत थाने ही जमानत मिल जाती है। विभाग पिछले एक साल में 28 बार अभियान चला चुका है, जिसमें 175 से अधिक तस्करों को पकड़ चुका है। इस दौरान हजारों लीटर कच्ची शराब और भारी मात्रा में लहन को नष्ट कर चुका है। आबकारी निरीक्षक सीमा कुमार ने बताया कि अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक कच्ची शराब की तस्करी करने वालों के खिलाफ करीब 28 बार अभियान चलाया। इस दौरान 175 से अधिक तस्करों को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा-60 के तहत कार्रवाई की गई। करीब 22 हजार लीटर लहन बरामद कर नष्ट की। जबकि कच्ची शराब की मात्रा करीब साढ़े पांच हजार लीटर रही। उन्होंने बताया कि खादर क्षेत्र में शराब बनाने वाले अधिकतर तस्कर दूर से टीम को देखकर भांप जाते हैं। दुश्मनी के डर से लोग इनके खिलाफ शिकायत नहीं कर पाते। लोगों से सूचना देने का निवेदन भी किया जाता है। बावजूद इसके कुछ लोग थाने से जमानत मिलने के बाद फिर से इस धंधे को शुरू कर देते हैं। अप्रैल में पांच किए गिरफ्तार
आबकारी अधिकारी ने बताया कि बीते अप्रैल माह में दबिश देकर 331 लीटर कच्ची शराब बरामद की। इस दौरान करीब साढ़े आठ हजार लीटर लहन बरामद कर नष्ट की गई। इस दौरान पांच लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा-60 के तहत कार्रवाई की गई। मौके पर ही कच्चे स्थान पर कर दिया जाता है नष्ट
सीमा कुमारी ने बताया कि खादर क्षेत्र में जब कच्ची शराब बनाने वाली भट्ठियां पकड़ी जाती हैं तो मौके से बरामद कच्ची शराब और लहन को मौके पर ही नष्ट कर दिया जाता है। इसके लिए कोई और प्रक्रिया नहीं है। कच्ची शराब बनाते और हरियाणा की शराब मिलने पर जेल जाने का प्रावधान
सीमा कुमारी ने बताया कि कच्ची शराब की तस्करी करते पकड़े जाने पर आबकारी अधिनियम की धारा-60 के तहत कार्रवाई की जाती है। मौके पर कच्ची शराब बनाने पकड़े जाने और हरियाणा मार्का की शराब की तस्करी करते पकड़े जाने पर एफआईआर और जेल जाने का प्रावधान है।