रक्तदान में योगेंद्र शर्मा ने मनाई सिल्वर जुबली, 25वीं बार किया महादान
समाज सेवा के लिए कहीं प्रशिक्षण अथवा सीख की ज
जागरण संवाददाता, महोबा : समाज सेवा के लिए कहीं प्रशिक्षण अथवा सीख की जरूरत नहीं बल्कि जरूरत जज्बातों और समझ की है। इस बात को जनपद के आरईएस विभाग में कार्यरत योगेंद्र शर्म ने रक्तदान की सिल्वर जुबली मनाते हुए सार्थक कर दिखाया। पहली बार एक रिश्तेदार महिला को रक्तदान के साथ शुरू हुआ यह अभियान एक शिक्षक की पत्नी की रक्षा के लिए सिल्वर जुबली तक पहुंच गया।
योगेंद्र को देख उनकी पत्नी भी रक्तदान में पीछे नहीं हैं। ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग में कार्यरत योगेंद्र ने सोमवार को 25वीं बार रक्तदान किया। बकौल योगेंद्र शर्मा 1995 में आरईएस की सेवा में आने के बाद ग्वालियर निवासी बुआ मीरा शुक्ला पत्नी अनिल शुक्ला को समान ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव होने से पहली बार 1996 में रक्तदान किया। इससे जो स्फूर्ति और आत्म संतोष मिला, उससे रक्तदान का जुनून सवार हो गया। साथ ही प्रख्यात इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या की 15 सितंबर को होने वाली जयंती पर डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रति वर्ष होने वाले लगभग 1500 यूनिट रक्तदान के साथ जुड़ गया।
योगेंद्र की तरह ही उनकी पत्नी प्रीति शर्मा भी आठ बार महादान कर चुकी हैं। कोरोना काल में शहर सहित कई जनपदों में सक्रिय विग्स टीम की हेल्पलाइन नम्बर 844-844-0266 पर रक्त के लिए फोन आया। योगेंद्र ने जिला अस्पताल पहुंच कर पूर्व प्रधानाध्यापक रामसेवक सोनी की पत्नी सुमित्रा सोनी के लिए अपने बी पॉजिटिव रक्त का दान कर उन्हें नया जीवन दिया।