थाली से सब्जी गुम, दोगुने हुए दाम
महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा आम आदमी का बजट
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : बारिश से महंगी हुई सब्जी ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। दामों की स्थिति यह है कि हरी सब्जी दोगुने दामों तक बिक रही हैं। आसमान पहुंचे दामों के कारण आम लोगों ने हरी सब्जी से किनारा कर लिया है। सब्जी विक्रेता बताते हैं कि सब्जियां महंगी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण बारिश है। बारिश से हरी सब्जी जल्दी सड़ जा रही है। इसके अलावा अधिक इस बार पैदावार भी प्रभावित हुई है। सर्वाधिक कीमत टमाटर के दामों में देखी गई है। टमाटर के दामों में पहले की अपेक्षा चार गुना तक बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं बाकी सब्जियां भी दोगुना दामों में बिक रही हैं। बिगड़े बजट के कारण लोग भी हरी सब्जियां खरीदने के बजाए दाल व अन्य अनाज से काम चला रहे हैं।
कचहरी रोड पर सब्जी विक्रेता अहमद बताते हैं कि जो सब्जी अभी तक महज दस-बीस रुपए किलो में बिकती थी, वह चालीस से पचास में बिक रही है। कानपुर से ही दामों में बढ़ोत्तरी होने के कारण यहां भी महंगे दामों में सब्जी बेचना मजबूरी बना हुआ है। सब्जियां महंगी होने से बिक्री भी काफी घट गई है। मौसम बना महंगाई का कारण
सब्जी दुकानदार भूरा ने बताया कि बरसात के मौसम में खासतौर पर जुलाई के अंत से अगस्त माह तक सब्जियां महंगी हो जाती है। कहा कि बारिश के बाद उमस भरे मौसम में हरी सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं। मात्रा कम हो जाने के कारण मंडी में सब्जी के दाम बढ़ जाते है। वहीं बरसात में नदी किनारे उगाई जाने वाली सब्जियां भी मंडी में मुश्किल से पहुंच पाती हैं। सब्जी के दामों पर नजर
सब्जी पहले अब
बैगन 20 40
कद्दू 20 40
लौकी 20 30
परवल 40 60
मूली 20 40
पालक 20 40
भिडी 20 40
टमाटर 30 60
धनिया 200 400
अदरक 100 60
लहसुन 100 160
हरी मिर्च 40 80
करेला 40 60
( दाम रुपये प्रति किलो में हैं। )