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गोवंश शिफ्ट करने को लेकर बवाल, फायरिग

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By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 11:24 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 11:24 PM (IST)
गोवंश शिफ्ट करने को लेकर बवाल, फायरिग
गोवंश शिफ्ट करने को लेकर बवाल, फायरिग

जागरण संवाददाता, महोबा : कबरई के बरी बटेवर गांव में भूख से तड़पकर मर रहे गोवंश को बचाने के लिए जुझारू गांव में शिफ्ट करने का फैसला बवाल बन गया। एक साथ 13 गोवंश की मौत के बाद डीएम के निर्देश पर गांव वाले गोवंश जुझारू गांव ले जा रहे थे कि रास्ते में जुझारू गांव के लोगों ने हमला कर फायरिग कर दी। गनीमत थी कि गोली किसी को लगी नहीं, हालांकि भगदड़ से चार ग्रामीण कटीले तारों में उलझकर घायल हो गए।

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कबरई के बरी बटेवर गांव में स्थित गोशाला में शुक्रवार सुबह 13 गोवंश की भूख से तड़पकर मौत हो गई। एक साथ कई गोवंश की मौत और जेसीबी से उन्हें दफनाए जाने पर गांव वाले आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। गांव वालों का कहना था गोशाला में ना छाया और खाने का कोई प्रबंध है। हंगामे की सूचना पर एसडीएम सदर देवेंद्र सिंह पहुंचे और जांच शुरू की। कई मवेशियों के बीमार होने पर डीएम अवधेश कुमार तिवारी से बात हुई, जिसमें उन्होंने पड़ोस के जुझार गांव में सभी गोवंश शिफ्ट करने के निर्देश दिए और सभी व्यवस्था करने को कहा। एसडीएम के कहने पर अनस सिंह, पर्वत सिंह, रमांकांत, धरम सिंह, सुखेंद्र समेत 12 लोग मवेशी हाक कर जुझार गांव की गोशाला ले जा रहे थे, तभी गांव के बाहर जुझार गांव के कुछ लोगों ने मवेशी खदेड़ दिए, विरोध करने पर मारपीट कर तीन फायर कर दिए। इससे मवेशियों में भगदड़ मच गई। जान बचाने के चक्कर में अनस, पर्वत, रमांकात, धरम व सुखेंद्र कटीले तारों में फंसकर घायल हो गए। उनके कपड़े फट गए। ग्रामीण मवेशियों को अपने गांव लाकर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी आरके सिंह को फोन पर जानकारी दी। उनकी सूचना पर मौके पर डीएम, सीडीओ हीरा सिंह, एडीएम न्यायिक पूनम निगम, एसडीएम देवेंद्र कुमार, सीवीओ समेत पुलिस टीमें पहुंची और स्थिति संभाली। डीएम ने गांव वालों को शांत कर दो से तीन दिनों में गोवंश की व्यवस्था करने की बात कही है। मामले में कोतवाली प्रभारी विपिन त्रिवेदी का कहना है कि मवेशियों के भागने से ग्रामीण गिर गए और उनके कपड़े फट गए। फायरिग की बात गलत है। गांव में पुलिस टीम लगाई गई है।

प्रधान की मौैत के बाद से नहीं निकली धनराशि

ग्रामीणों के मुताबिक कुछ माह पहले बरी बटेवर गांव के प्रधान की ट्रैक्टर की चपेट में आने से मौत हो गई थी। तब से कोई प्रधान नहीं बना। इससे सचिव चाहकर भी गोवंशों की व्यवस्था के लिए धनराशि नहीं निकाल सकीं। जिससे लगातार गोवंश का मरना जारी है। 13 गोवंश मरे, कई बीमार

लोगों ने बताया कि बरी बटेवर गांव की गोशाला में 125 गोवंश बंद हैं। आरोप है कि गोशाला में खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। छाया के कोई प्रबंध नहीं है। एसडीएम ने बिना सुरक्षा के गोवंश भेज दिए

ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम के कहने पर वह गोवंश लेकर जुझार गांव गए थे। जबकि उन्हें किसी भी तरह का पुलिस बल नहीं दिया गया। गोली लग जाती तो बड़ी घटना हो जाती। गांव में गोशाला निर्माण के समय ही ट्राली के नीचे दब कर ग्राम प्रधान की मौत हो गई थी। वहां चुनाव होने हैं। जल्दी ही अधिसूचना जारी होगी। इस लिए ग्राम सभा की तरफ से कोई देखरेख नहीं हो पा रही है। वहां के गोवंशों को पास पड़ोस की अन्य गोशालाओं में स्थानांतरित करा दिया गया है। जल्द गोवंश शिफ्ट किए जाएंगे।

अवधेश कुमार तिवारी, डीएम


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