विशिष्ट चूल्हे से होगी लकड़ी की बचत और पर्यावरण संरक्षण
भूमंडलीय ताप वृद्धि नियंत्रण कार्यशाला में मुख्य अतिथि डा. होमी जहांगीर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के सेवा निवृत्त वैज्ञानिक एसएम राव ने कहा कि पौध लगाने के लिए सरकार को कड़े कानून बनाने होंगे और लोगों को जगरूक होना होगा। उन्होंने अपनी पीढ़ी को गैर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा
जागरण संवाददाता महोबा: भूमंडलीय ताप वृद्धि नियंत्रण कार्यशाला में मुख्य अतिथि डॉ. होमी जहांगीर भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के सेवा निवृत्त वैज्ञानिक एसएम राव ने कहा कि पौध लगाने के लिए सरकार को कड़े कानून बनाने होंगे और लोगों को जगरूक होना होगा। उन्होंने अपनी पीढ़ी को गैर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि तकनीकी विकास के चक्कर में तापमान 40 से बढ़ा कर 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंचा दिया। उन्होंने कार्यशाला में लकड़ी की बचत करने वाले विशिष्ट चूल्हे का प्रदर्शन भी किया।
मां चंद्रका महिला महाविद्यालय में भूमंडलीय ताप वृद्धि के ग्रामीण समाधान कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व सरस्वती वंदना से हुआ। विद्यालय प्रबंधक अरविद सिंह कछवाहा ने भूमंडलीय ताप वृद्धि पर कहा कि भूमंडल पर तेजी से बढ़ता पर्यावरण संकट की स्थिति काफी चिताजनक है। इसका निराकरण वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है। हम सबने इसमें कारगर प्रयास नहीं किए तो आने वाले समय में हमारी जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा। मुख्य अतिथि एमएस राव ने कहा कि हमें ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे हानिकारक गैसों के उत्सर्जन में कमी आ सके। उन्होंने स्वयं द्वारा अन्वेशित दुआं रहित लकड़ी के चूल्हे को पर्यावरण संरक्षण में क्रांतिकारी कदम माना। मिट्टी, लकड़ी व कोयले से निर्मित इस चूल्हे में 80 फीसद तक लकड़ी की बचत होती है। उन्होंने कहा कि इसमें जली लकड़ी का कोयला बनता है, जलती लकड़ी ऑक्सीडाइज न होने से राख नहीं बनती और कोयले का दोबारा उपयोग हो जाता है। इसका प्रयोग भी करके दिखाया और बनाने की तकनीक भी बताई। कार्यशाला में नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि सौरभ तिवारी, भाजापा जिलाध्यक्ष जीतेंद्र सिंह सेंगर, सीएल साहू, जगप्रसाद तिवारी, स्वामी विज्ञानानंद, डॉ. पंकज दीक्षित, शिवकुमार गोस्वामी, डॉ. रामसेवक चौरसिया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संतोष पटैरिया, व प्रचार्य डॉ. ज्योति सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।