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तत्कालीन प्रमुख सचिव व डीएम बी चंद्रकला से होगी पूछताछ !

पांच दिन रुकने बाद सीबीआइ टीम तो लौट गई लेकिन

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 11:38 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 06:09 AM (IST)
तत्कालीन प्रमुख सचिव व डीएम बी चंद्रकला से होगी पूछताछ !

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : हाईकोर्ट के रोक लगाने के बाद भी जिले में किए गए खनन पंट्टों को लेकर सीबीआइ जल्द ही तत्कालीन प्रमुख सचिव जीवेश नंदन व डीएम बी. चंद्रकला से पूछताछ कर सकती है। मुख्यालय में पांच दिन तक जांच करने के दौरान सीबीआइ ने अन्य दस्तावेजों के साथ प्रमुख सचिव द्वारा भेजे गए पत्र को भी कब्जे में लिया है।

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अवैध खनन के खिलाफ याचिका डालने वाले मुख्यालय निवासी अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने बताया कि सबसे पहले हमीरपुर में हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर तत्कालीन डीएम बी चंद्रकला व शासन की मिलीभगत से 14 पट्टे किए गए थे। इस दौरान शासन और डीएम के मध्य कई बार पत्राचार हुआ था। कई पत्रों में 31 मई 2012 को हाईकोर्ट के पंट्टों पर रोक लगाने के आदेश को छिपाया गया। ऐसे ही पत्रों की जांच के लिए 25 फरवरी को खनिज विधि सलाहकार मनोज त्रिवेदी से पूछताछ की चुकी है। खनिज निदेशालय से डीएम हमीरपुर एवं खनिज अधिकारी को जारी पत्रों के आधार पर 63 खनन पट्टों की रजिस्ट्रियां करा उन्हें संचालित किया गया। सीबीआइ टीम इन पत्रों की प्रमाणित प्रतिलिपि खनिज अधिकारी एवं संबंधित अधिकारी से प्राप्त कर अपने साथ ले गई है। अब तत्कालीन प्रमुख सचिव व डीएम बी. चंद्रकला से उनके द्वारा लिखे गए पत्रों के बारे में पूछताछ की जाएगी।

इन 14 पट्टों को दी गई थी स्वीकृति

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास खनिज विभाग होने के दौरान सबसे पहले किए गए 14 पट्टों में चंदवारी धुरौली में तीन, इछौरा जिटकरी में चार, भुलसी में एक, इस्लामपुर में एक, बिरहट में एक, बंधौली में एक, चिकासी में दो व इछौरा में एक पंट्टा शामिल है। आधे से अधिक पंट्टे एक ही परिवार के सदस्यों को किए गए थे।


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