वीर बुंदेला लाला हरदौल का नाटक देखने उमड़ी भीड़
मीरपुर किशनू बाबू शिवहरे महाविद्यालय में विमर्श विविधा के अंतर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत शिक्षक दिवस के अवसर पर सादगी सहजता और संस्कृति के संवाहक डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन की जयंती पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गयाकालेज के प्राचार्य डा0 भवानीदीन ने अपने उद्बोधन में कहा कि डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन
संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : बुंदेली कलाओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कस्बे का तीन दिवसीय तीजा महोत्सव खट्टी मीठी यादों को सहेजे वर्ष भर के लिए विदा हो गया।
कस्बे का ऐतिहासिक तीजा मेला बुंदेली संस्कृति का अनूठा उदाहरण है। इस मेले में प्रति वर्ष लोगों को लोक संस्कृति, लोक संगीत, लोक नाट्य कला, निर्गुण-सगुण विचार धारा का अनोखा संगम देखने को मिलता है। बुधवार को मेले का अंतिम दिन था। मेले की अंतिम रात में झांसी से आए मास्टर मुशर्रफ की पार्टी के कलाकारों ने देवर भाभी के सच्चे प्रेम को दर्शाते हुए वीर बुंदेला लाला हरदौल के नाटक का सफल मंचन किया। इसको दर्शकों ने खूब सराहा। नाटक को देखने के लिए आखिरी रात दर्शकों का मजमा लगा रहा। इसी के साथ कस्बे का ऐतिहासिक तीजा मेला वर्ष भर के लिए विदा हो गया। अंतिम रात पशु बाजार मेला मैदान में कार्यक्रम के आयोजक पुरुषोत्तम सिंह, अमर सिंह, जयकरन सिंह, सौमित्र सिंह, पारथ सिंह, जीतेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर वर्मा मौजूद रहे।