मौदहा में तनाव, नहीं हो सका कंस वध मेला
संवाद सहयोगी, मौदहा (हमीरपुर) : मौदहा कस्बे में वर्षो से होने वाला ऐतिहासिक कंस वध मेला
संवाद सहयोगी, मौदहा (हमीरपुर) : मौदहा कस्बे में वर्षो से होने वाला ऐतिहासिक कंस वध मेला इस बार दो पक्षों के बीच विवाद से नहीं हो सका। सोमवार दोपहर देवी-देवताओं की झांकियां देवी चौराहा पहुंची तो दूसरे पक्ष ने रास्ता रोक लिया। इससे तनाव की स्थिति पैदा हो गई। प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे गए। प्रशासन ने रास्ता बदलने की बात कही तो आयोजकों ने मेला निरस्त करने की घोषणा कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने लाठी भांजकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। कस्बे में देर शाम तक तनाव बना रहा। पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। सांसद पुष्पेंद्र चंदेल भी मौके पर पहुंच गए। आयोजकों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि भविष्य में भी अब इस मेले का आयोजन नहीं करेंगे।
आढ़तिया संघ विगत डेढ़ सौ वर्षों से कंस वध मेले का आयोजन कराता आ रहा है। अनंत चतुर्दशी पर रविवार शाम भगवान कृष्ण का डोला अपने परंपरागत रास्ते देवी चौराहा से नरहिया, कजियाना मथुरा मन्दिर, जीजीआइसी चौराहा, थाना चौराहा, नेशनल चौराहा होते हुए पुन: गुड़ाही बाजार में सम्पन्न हुआ। सोमवार को कंस वध लीला का आयोजन होना था। दो दर्जन से अधिक देवी-देवताओं की झांकियां दोपहर तीन बजे नेशनल मार्ग से गुड़ाही बाजार होते हुए देवी चौराहे पहुंचीं। वहां अलाव मैदान के पास बैठे दूसरे पक्ष के कुछ युवकों ने झांकियां निकालने का विरोध कर दिया। इससे माहौल गर्मा गया। दोनों पक्ष आमने सामने हो गए। मामला तूल पकड़ने पर भारी पुलिस बल के साथ अपर एसपी, मौदहा, हमीरपुर, सरीला के उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी पहुंचे। आयोजकों ने झांकियों को रोक जाम लगा दिया। प्रशासन ने अलाव मैदान से झांकियां न निकालने की बाध्यता दोहराई। आयोजकों ने झांकियों को वाहनों से उतार लिया और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर चप्पलें दिखाई। इसके बाद पुलिस ने लाठियां भांजनी शुरू कर दी। मेला आयोजकों का कहना है कि झांकियां हमेशा से इसी रास्ते से निकलती रही हैं। दूसरे पक्ष का कहना है कि इस रास्ते से केवल भगवान कृष्ण का डोला निकलता रहा है, न कि झांकियां। बाद में जिलाधिकारी राजेंद्र प्रताप पांडेय व पुलिस अधीक्षक अजय ¨सह ने पहुंच कर लोगों से शांत होने की अपील की।
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डरे-सहमे रहे झांकियों में बैठे बच्चे
देवी चौराहा पर विवाद के बाद सबसे अधिक धड़कनें उन मां- बाप की बढ़ गई जिनके बच्चे झांकियों में बैठे थे। हंगामे, नारेबाजी और भारी भीड़ के बीच बच्चे डरे-सहमे थे। मेला बंद होने की घोषणा के साथ बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा गया। कंस की विशाल प्रतिमा गल्ला मंडी पहुंचा दी गई।