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ग्राम संगठन की सचिव ने फर्जी हस्ताक्षर से की लाखों की हेराफेरी

संवाद सहयोगी भरुआ सुमेरपुर ग्राम पचायत कुंडौरा के स्वयं सहायता समूह के प्रमुख समूह ग्राम

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 06:07 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 06:07 PM (IST)
ग्राम संगठन की सचिव ने फर्जी हस्ताक्षर से की लाखों की हेराफेरी
ग्राम संगठन की सचिव ने फर्जी हस्ताक्षर से की लाखों की हेराफेरी

संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : ग्राम पंचायत कुंडौरा के स्वयं सहायता समूह के प्रमुख समूह ग्राम संगठन की सचिव ने अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर खाते से लाखों रुपये की धनराशि का आहरण करा लिया है। जानकारी होने पर समूह की सदस्यों ने जब जानकारी हासिल करनी चाही तो सचिव ने अभद्रता करते हुए भगा दिया। समूह की महिलाओं ने मामले की शिकायत डीएम से की है। डीएम ने जांच डीसी मनरेगा को सौंपकर रिपोर्ट तलब की है।

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ग्राम पंचायत कुंडौरा में कुल 13 स्वयं सहायता समूह संचालित है। इनके ऊपर ग्राम संगठन का समूह कार्यरत है। ग्राम संगठन समूह की अध्यक्ष राजकुमारी हैं। कोषाध्यक्ष पद नीलम के पास है। सचिव पद पर अंजलि कार्यरत हैं। ग्राम संगठन समूह के पास ट्रैक्टर ट्रॉली सहित अन्य कृषि उपकरण हैं। इनका संचालन सचिव की देखरेख में होता है, लेकिन यह हिसाब किताब समूह की बैठक में नहीं दे रही हैं। ग्राम संगठन समूह की पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने आरोप लगाया है कि गत 14 सितंबर को सभी समूहों की बैठक हुई थी। इसमें ट्रैक्टर के आय-व्यय का ब्योरा मांगा गया, लेकिन सचिव ने नहीं दिया और समूह की महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। ग्राम संगठन की महिलाओं ने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि सचिव ने अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर लाखों रुपये का गबन किया है और फर्जी बिल बाउचर लगाए है। समूह की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि सचिव की मार्कशीट फर्जी है। इसकी भी जांच कराई जाए। ग्राम संगठन समूह की अध्यक्ष राजकुमारी, कोषाध्यक्ष नीलम, सदस्य प्रेमवती, चंद्राकुमारी, रोहणी, अभिलाषा, माया देवी ने डीएम से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई है। डीएम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच डीसी मनरेगा को सौंपकर रिपोर्ट तलब की है। उधर शुक्रवार को समूह की महिलाओं ने बैठक करके समूह द्वारा संचालित गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार कर जांच अधिकारी को सौंपने का निर्णय किया। लेकिन जांच अधिकारी के न आने पर महिलाएं निराश होकर शाम को घरों को लौट गईं।


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