रोडवेज बसें जर्जर, डग्गामार में यात्रा करना मजबूरी
संवाद सहयोगी, राठ : जनपद में सर्वाधिक आय देने वाले राठ डिपो की अधिकांश बसें जर्जर अवस्था में
संवाद सहयोगी, राठ : जनपद में सर्वाधिक आय देने वाले राठ डिपो की अधिकांश बसें जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी हैं। जिसके चलते बसें संचालित तो जरूर हो रही है लेकिन यात्री इनमें सफर करने के बजाए डग्गामार यात्रा करना बेहतर समझता है। इसके पीछे बड़ा कारण रास्ते में बसों का बेहद खटारा अवस्था में पहुंच जाना भी है।
मौजूदा समय में राठ डिपो में 93 बसें है। जिसमें कागजों में 86 का संचालन हो रहा है। सड़कों पर 35 बसें इतनी खटारा हो चुकी हैं कि इनमें यात्री ढोने की क्षमता ही नहीं है। डिपो के पास 70 नियमित, 147 संविदा चालक है जबकि 39 नियमित व 121 संविदा परिचालक ड्यूटी दे रहे हैं। पर्याप्त संख्या में कर्मचारी होने के बाद भी बसों की दशा देखने के बजाए यात्री सुविधा से खिलवाड़ कर रहे हैं।
बसों का टोटा, यात्रियों का होता बवाल
झांसी-कानपुर प्रमुख मार्ग पर सवारियों की संख्या काफी अधिक होने के बाद भी शाम को बसें नहीं मिलती हैं। जिससे आए दिन हमीरपुर शहर में यात्रियों का बवाल होता है। झांसी मार्ग पर 17, कानपुर पर 13, दिल्ली पर 10, लखनऊ पर 7, छतरपुर पर 4, मौदहा पर 5, मथुरा, नौगांव, बनारस मार्ग पर दो -दो बसें है। कई मार्गों में बसे ट्रिप करती है। हाल यह है कि पड़ोसी जनपद के डिपो में एसी बसें चल रही हैं जबकि राठ डिपो में सही अवस्था में साधारण बसों का भी टोटा है।
वर्जन -
प्रत्येक मार्ग के लिए बसों को दुरुस्त करके भेजा जाता है। झांसी, इलाहाबाद और लखनऊ मार्ग के लिए पांच एसी बसों की मांग की गई है।
- विजय विश्वकर्मा, डिपो इंचार्ज