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मॉडल के तौर पर तैयार की जा रही पपीते की फसल

संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : पिछले दो दशकों से बुंदेलखंड का किसान दैवीय आपदाओं का शिक

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 11:19 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 11:19 PM (IST)
मॉडल के तौर पर तैयार की जा रही पपीते की फसल
मॉडल के तौर पर तैयार की जा रही पपीते की फसल

संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : पिछले दो दशकों से बुंदेलखंड का किसान दैवीय आपदाओं का शिकार होकर बर्बादी के मुहाने खड़ा हो गया है। आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र के ग्राम बांक में स्थापित अलगर्जानंद आश्रम के महंत स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने आश्रम की एक बीघे जमीन में त्रिशक्ति सोशल वेलफेयर सोसायटी के सहयोग से पपीते की खेती शुरू करके किसानों को नई राह दिखाई है।

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वेलफेयर सोसाइटी के प्रबंधक जयनरायन चक्रवर्ती, अध्यक्ष देव¨सह यादव ने बताया कि उनका मकसद किसानों को नई राह दिखाना है। आश्रम की मशीन खाली पड़ी थी। महंत की इच्छा को देखकर हमारी संस्था ने सहयोग करते हुए एक बीघे के लिए पुणे महाराष्ट्र से 30 हजार रुपये खर्च करके पांच सौ पौधे मंगवाएं थे। अब इनको रोपित करके तैयार करने की कवायद शुरू की गई है। आश्रम के महंत स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि वह आश्रम के जमीन पर कभी गेहूं कभी सरसों आदि की फसले बोते थे। लेकिन प्रति वर्ष कुछ न कुछ क्षति उठानी पड़ती थी। इस नुकसान से आजिज आकर उन्होने आश्रम के जमीन पर हमेशा के लिए फलदार पोधेरोपित करने का निर्णय लिया है। ताकि हमेशा के लिए एक निश्चित आमदनी का मार्ग प्रशस्त हो सके। उन्होंने बताया कि अभी तक आश्रम की जमीन पर उन्होंने अमरूद, आंवला, नींबू आदि के तमाम पौधे रोपित किए हैं। इस वर्ष उन्होंने एक बीघे में पपीता लगाया है। पपीता की फसल तैयार करने के लिए उद्यान विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से भी जानकारी ली जा रही है। इन्हीं के अनुसार फसल को तैयार कराया जा रहा है। लेकिन यहां की जलवायु एवं मौसम के अनुरूप यह फसल तैयार हो गई तो यह किसानों के लिए एक माडल के तौर पर होगी। जिसे भविष्य में किसान अपना कर अपनी आमदनी का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। उन्होंने पपीता की सफल तैयार कराने में त्रिशक्ति सोशल वेलफेयर सोसाइटी के प्रबंधक एवं अध्यक्ष की सराहना करते हुए कहा कि उन्हीं के सहयोग से यह संभव हो सका है।


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