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साढ़े तीन साल बाद भी अवैध खनन में गिरफ्तारी नहीं

नतीजे पर नहीं पहुंची अवैध खनन की सीबीआइ

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 11:33 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:06 AM (IST)
साढ़े तीन साल बाद भी अवैध खनन में गिरफ्तारी नहीं
साढ़े तीन साल बाद भी अवैध खनन में गिरफ्तारी नहीं

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिले में अंधाधुन अवैध खनन के मामले में हाईकोर्ट की ओर से करीब साढ़े तीन साल पहले सीबीआइ को जांच के आदेश दिए थे। मामले में मुकदमा तो दर्ज हुआ लेकिन अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई। इस बार भी सीबीआइ ने 67 दिन लगातार जांच की और सबूत जुटाए हैं। पर गिरफ्तारी न होने से लोग इसे राजनैतिक दबाव के चलते खानापूर्ति ही बता रहे हैं।

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अवैध खनन को लेकर मुख्यालय निवासी अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। इस पर हाईकोर्ट ने प्रदेश के 22 जिलों में 28 जुलाई 2016 को सीबीआइ को जांच के आदेश दिए थे। मामले में जिले के 63 मौरंग पट्टंों को अवैध मानकर निरस्त कर दिया गया। इस दौरान सीबीआई सबसे पहले 20 जून 2017 को मुख्यालय में 18 दिनों तक लगातार जांच कर अवैध पट्टंों की जांच की थी। इसके बाद सीबाइआइ की टीम ने पांच नवंबर 2017 में 16 दिन, 12 मई 2018 में 7 दिन, पांच जनवरी 2019 में 15 दिन व 25 नवंबर को 11 दिनों तक कैंप कार्यालय बनाकर मामले की जांच की।

इस दौरान टीम ने खनन क्षेत्र में घूम कर भी अवैध खनन के साक्ष्य जुटाए। इसी साल दो जनवरी को सीबीआइ ने अवैध खनन में तत्कालीन जिलाधिकारी बी चंद्रकला, खनन अधिकारी मोइनुद्दीन व सपा एमएलसी रमेश मिश्रा उनके भाई दिनेश मिश्रा सहित 11 नामजद व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

सीबीआइ की रिपोर्ट पर ईडी ने भी मामला दर्ज कर लिया। वहीं दो बार सीबीआइ एक साथ कई स्थानों में छापेमारी भी कर चुकी है। हाल में बसपा शासनकाल में हुए अवैध खनन की भी जांच की। इस सारी कवायद के बाद भी जांच अब तक जारी है। गिरफ्तारी किसी की न होने से लोगों में राजनैतिक दबाव के होने की चर्चा है। वहीं इस पूरी कार्रवाई को भी राजनीतिक दबाव माना जा रहा है।


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