¨हदी को दिया जाए राष्ट्रभाषा का दर्जा : डॉ. सत्येंद्र
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : कुछेछा स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ¨हदी दिवस के मौ
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : कुछेछा स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ¨हदी दिवस के मौके पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डा. सत्येंद्र ¨सह ने की। उन्होंने कहा कि बिना इच्छा शक्ति के ¨हदी का राष्ट्र भाषा के रूप में स्थापित हो पाना संभव नहीं है। ¨हदी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा मिलना चाहिए।
कालेज में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्राचार्य ने कहा कि ¨हदी दिवस की सार्थकता तभी है जब ¨हदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त हो। जब तक नीति निर्माताओं की इच्छा शक्ति नहीं होगी। ¨हदी राष्ट्र भाषा के रूप में स्थापित नहीं हो सकती है। डा. ज्ञानमाला सक्सेना ने ¨हदी दिवस के मनाए जाने के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। डा. प्रेरणा शुक्ला ने काव्य पाठ के माध्यम से ¨हदी की उपादेयता के संबंध में अपने विचार रखे। महाविद्यालय के डा. सीमा दीक्षित, डा. वंदना, डा. पवन यादव, डा. शिवकुमार गुप्ता, डा. विष्णु कुमार, डा. रावेंद्र ¨सह, डा. शक्ति गुप्ता, डा. स्वामी प्रसाद, डा.विनोद यादव, मनीष कुटार, बृजेश कुमार, केएन गुप्ता आदि उपस्थित रहे। गोष्ठी का संचालन दीपिका कटियार ने किया।
सामान्य शब्दों का करना होगा विकास
राष्ट्रीय ¨हदी दिवस पर 14 सितंबर को प्रोग्रेसिव व प्रैक्टि¨सग डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन की ओर से संगोष्ठी की गई। जिसकी अध्यक्षता राजेंद्रवीर ¨सह चौहान एडवोकेट ने की। गोष्ठी को संबोधित करते हुए इल्डर्स कमेटी के सदस्य देवीप्रसाद मिश्रा ने कहा कि ¨हदी भारत की जनजन की भाषा है। कानूनी की भाषा आज भी अंग्रेजी है। हमें ¨हदी को बढ़ावा देना चाहिए। अध्यक्ष राजेंद्रवीर ¨सह चौहान ने कहा कि न्यायालयों में गरीबों को सुलभ व सस्ता न्याय दिलाने में विधिक साक्षरता व सेवा प्राधिकरण इस तरफ प्रयत्नशील है। मनीराम वर्मा ने कहा कि सभी न्यायालयों व कार्यालयों में सभी काम ¨हदी में करने के लिए ¨हदी सामान्य शब्दों का विकास करना होगा। महेश प्रसाद गुप्ता, हनुमान द्विवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन महामंत्री सुरेशचंद्र साहू ने किया।
अभिव्यक्ति का माध्यम होनी चाहिए ¨हदी : मौदहा : सिसोलर थाना क्षेत्र के किशनूबाबू शिवहरे महाविद्यालय में विमर्श विविधा के अंतर्गत अनेकता में एकता की स्वर के तहत हिन्दी दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्राचार्य बीके त्रिपाठी ने कहा कि तीन शब्द बड़े महत्वपूर्ण होते हैं मां, मातृभाषा और मातृ भूमि। मां से ही हमें मातृभाषा मिलती हैं, प्रत्येक भारतीय के मन में यह भाव होना चाहिए कि वह हिन्दी से प्यार करे, हिन्दी भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम होना चाहिए। डाक्टर भवानीदीन ने कहा कि ¨हदी हमारे राष्ट्र के वैश्विक को संवारती है, आम लोगों से संवाद की एक माध्यम है। कार्यक्रम का संचालन रमाकांत पाल ने किया।