ममेरी दादी बनी आर्यन की यशोदा, कर रही लालन पालन
सोमवार रात दिल्ली से वापस लौट रहे श्रमिकों की
संवाद सूत्र, बेलाताल (महोबा) : सोमवार रात दिल्ली से वापस लौट रहे श्रमिकों की डीसीएम पलटने से तीन महिलाओं की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। जिसमें अनीता भी शामिल थी। उसके पति कालीचरण को झांसी रेफर किया गया था। घटनास्थल पर बिलखते मिले आठ माह के आर्यन को किसी तरह अमीरन ने वासुदेव बनकर संभाला था। अब आर्यन के लिए पिता की मामी यशोदा बनकर उसकी देखरेख कर रही है।
जिस मां के कलेजे की केवल धड़कनें महसूस की और उसे चेहरे से पहचान भी नहीं पाया, वह इसी उम्र में उसे छोड़ गई। पिता जिदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। कालीचरण गांव में बूढ़ी मां भगवती को छोड़कर गया था। नोएडा में दंपती मजदूरी कर रहा था। लॉकडाउन ने जैसे उनकी पूरी जिदगी ही लॉक कर दी। कालीचरण की रीढ़ की हड्डी और गले में गंभीर चोटें हैं। घटना स्थल पर बिलखते आर्यन की किसी तरह पहचान हुई, उसे पड़ोस की अमीरन पहला सहारा बनी। जानकारी पर कालीचरण के मुढ़ारी निवासी मामा कुंवरपाल उसे अपने साथ ले गए। अब कुंवरपाल की पत्नी रामदेवी आर्यन के लिए की यशोदा बन गई है। आर्यन की बूढ़ी दादी भगवती बार बार गश खाकर खुद को संभाल नहीं पा रही है।