खेतों में पानी भरने से कई बीघा फसल बर्बाद
संस मौदहा विकासखंड क्षेत्र के कई गांवों से आए किसानों ने बताया कि यह बारिश गेहूं की फ
संस, मौदहा : विकासखंड क्षेत्र के कई गांवों से आए किसानों ने बताया कि यह बारिश गेहूं की फसल के लिए तो वरदान साबित हुई लेकिन रबी की अन्य फसलों के लिए तबाही बनकर आई। लरौंद गांव के कृषक कालका यादव, दुर्वेश, शिवनारायण शिवहरे, सोनू वर्मा, रवीन्द्र यादव, झल्लू निषाद, इन्द्रसेन यादव ने बताया कि उनके खेतों की 80 फीसद बुवाई हो चुकी थी जो कि नदी की बाढ़ ने नष्ट हो गई। लदार गांव निवासी कृषक शिवकुमार यादव ने बताया कि उनके गांव में लाही, चना अधिकांश बो दिया गया था। कुछ लोगों ने कर्ज लेकर खेतों की बुवाई भी कर दी थी। जिस पर पानी फिर गया। अब पुन: जोताई, बोवाई करवानी पड़ेगी। महंगा बीज खरीदना पड़ेगा जो अब सामान्य किसान के लिए आसान बात नहीं रही। केन नदी के किनारे बक्छा व खैर गांव के कृषक प्रधान ने बताया कि गांव में हजारों बीघे जमीन पर फसल बो दी गई थी जो बर्बाद हो गई। उनके परिवार में अकेले 75 बीघे में लाही व सरसों बो दी गई थी। जिसका बीज कानपुर स्थित पत्थर कालेज से 650 रुपये प्रति किलो ग्राम खरीदा गया था। सिर्फ खाद और बीज डेढ़ लाख रुपये के आसपास का डाला गया जो पानी में बह गया। गांव में लगभग 90 फीसद लोगों की बुवाई हो चुकी थी जो लगभग 3000 बीघे के आसपास खेती बरबाद हुई है। गुसियारी गांव निवासी कुद्दूस अहमद खांन ने बताया कि उनके गांव में खेतों में पानी भर जाने से सौ एकड़ के आसपास बोई फसल बरबाद हुई है। परछा गांव के कृषक अब्दुल अलीम ने बताया कि चंद्रावल नदी नाले उफनाने से खेतों में पानी भर गया। प्रशासन को इसकी जांच कर मुआवजा देना चाहिए।