धातु शिल्प क्षेत्र में रोजगार सृजन को संजीवनी के आसार
ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट) चयन के
जागरण संवाददाता, महोबा : ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट) योजना के तहत जिले में गौरा पत्थर के साथ धातु शिल्प को भी इसमें शामिल किए जाने से इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलने की उम्मीद जागी है। उपायुक्त उद्योग ने रोजगार क्षेत्र को विस्तार देने के लिए डीएम के माध्यम से धातु शिल्प को ओडीओपी में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था। जिसे हाल ही में प्रदेश सरकार से मान्यता मिली है।
ओडीओपी योजना के तहत महोबा से गौरा पत्थर को इसमें शामिल किया गया था। पर वर्ष 2017 हुए पत्थर की खदान में हुए हादसे के बाद सरकार ने खनन पर पूरी तरह रोक लगा दी। जिला उद्योग कार्यालय ने प्रशिक्षण के माध्यम से लगभग दो सौ शिल्पकारों को हुनरमंद बना कर उन्हें किट (औजार) उपलब्ध कराई पर कच्चा माल के अभाव में प्रयास दम तोड़ता रहा। वहीं ओडीओपी का मूल तत्व रोजगार सृजन फाइलों तक दब कर रह गया।
मौजूदा उपायुक्त उद्योग विमल द्विवेदी ने जनपद के इस पठारी क्षेत्र में अध्ययन के बाद डीएम अवधेश कुमार तिवारी के जरिए प्रदेश सरकार के पास धातु शिल्प उद्योग को ओडीओपी में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा। अप्रैल के अंत में शासन से स्वीकृति मिली पर लॉकडाउन में पूरी प्रक्रिया बंद रही। लॉकडाउन -4 में धातु शिल्प रोजगार को विकसित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। बकौल विमल द्विवेदी विज्ञप्ति प्रकाशन के बाद इससे जुड़े तमाम लोग फोन पर जानकारियां ले रहे हैं। परंपरागत है श्रीनगर और कुलपहाड़ का मूर्ति उद्योग
श्रीनगर और कुलपहाड़ क्षेत्र में ऐसे कई परिवार हैं, जो पीतल की मूर्तियां उकेर कर अच्छी कमाई करते हैं। प्रोत्साहन न मिलने से परंपरागत हुनर पर धूल जमा हो रही थी। धातु शिल्प को ओडीओपी में स्वीकृति मिलने से पीतल ही नहीं एल्यूमिनियम, सोना, चांदी आदि का शिल्प भी रफ्तार पकड़ेगा। हर वर्ष मिलेगा 200 युवकों को प्रशिक्षण
धातु शिल्प के विस्तार के लिए उद्योग विभाग ने प्रति वर्ष कम से कम 200 युवकों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार देने का खाका तैयार किया है। प्रशिक्षण के बाद विभाग से युवकों को टूल किट भी मिलेगी। साथ ही विभिन्न बैंकों से मुख्यमंत्री युवा रोजगार व प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की तहत ऋण भी दिलाया जाएगा।