जिलेभर में खाद खत्म, किसानों को स्टाक आने का इंतजार
जासं हमीरपुर जिलेभर में लगभग सभी केंद्रों पर खाद समाप्त हो चुकी है। किसान महिला व पुरुष
जासं, हमीरपुर : जिलेभर में लगभग सभी केंद्रों पर खाद समाप्त हो चुकी है। किसान महिला व पुरुष रोजाना केंद्र पर पहुंच रहे हैं और मायूस होकर लौट आते हैं। कुछ केंद्रों पर तो बीते सात दिनों से एक भी बोरी खाद नसीब नहीं हुई है। इससे खेती पर विपरीत असर पड़ने की संभावना है। वहीं मौदहा में करीब 300 किसान समिति का कर्ज नहीं चुका सके हैं, इस कारण इन्हें खाद नहीं मिल पा रही है। राठ में भाकियू ने दस रुपये महंगी बोरी देने का आरोप लगाया है। कुरारा में एक सप्ताह से केंद्र में खाद नहीं है। सुमेरपुर में क्षेत्रीय सहकारी समिति व क्रय विक्रय केंद्र के परिसर में बारिश का पानी भर जाने से किसान को परेशानी उठानी पड़ी। वहीं छानी में बीती 16 अक्टूबर से खाद नहीं है। सहकारी समिति के सचिव रमेशचंद्र व्यास ने बताया कि 75 टन की डिमांड भेजी गई है। महोबा से रैक आनी है। --------------------------- बीती 12 अक्टूबर से चक्कर काट रहे किसान संस, मौदहा : खाद की किल्लत से किसान परेशान होकर सहकारी समितियों व पीसीएफ व क्रय-विक्रय के चक्कर लगाकर मायूस होकर लौट रहे हैं। कस्बे के किसान सेवा समिति में 1000 से अधिक कृषक सदस्य हैं जो रबी व खरीफ की दोनों फसलों में किसान सेवा सहकारी समिति से ऋण के माध्यम से खाद व बीज का लेनदेन करते हैं। बीते वर्षो में फसलों के खराब होने पर लगभग 300 किसान एक करोड़ का अपने समिति का कर्ज अदा नहीं कर सके। जिससे इन्हें खाद देने से समिति ने इन्कार कर दिया है। जिससे यह किसान खाद पाने के लिए अब नकद बिक्री केंद्र क्रय विक्रय व पीसीएफ के चक्कर लगाकर थोड़ी बहुत खाद पा सके लेकिन अधिकांश किसान अपने जरूरत की खाद नहीं पा सका। इसके अलावा अन्य किसान जो किसी समिति से संबंधित नहीं है और वह नकद पर ही खाद लेते हैं, ऐसे किसानों को भी एक सप्ताह से खाद की कमी का अभाव झेलना पड़ रहा है। कृषक मोइनुद्दीन (नारायच) ने बताया कि लगातार प्रयास करने के बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल सकी। वह आए दिन सुनते हैं कि खाद आई और यहां आते आते समाप्त हो गई। जिससे बोवाई करने पर बाधा उत्पन्न हो रही है। अब बारिश हो गई है यदि इसके बाद भी खाद नहीं मिल पा रही है तो बोवाई नहीं हो पाएगी। कृषक राजकुमार सिंह (तिदुही) ने बताया कि एक सप्ताह से खाद नदारद है। कृषक वजीर खान (परछा) व मौदहा के तिजवा निषाद ने बताया कि किसान सेवा समिति में उन्हीं को खाद मिलती है जो वहां के के खातेदार सदस्य हैं अन्य लोगों को नहीं मिल पाती है। बताया कि बीती 12 तारीख से मौदहा की किसी समिति में व खाद वितरण केंद्रों में डीएपी खाद ही नहीं है। इस संबंध में किसान सेवा सहकारी समिति मौदहा के सचिव अवनीश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि उनकी समिति में लगभग एक हजार के आसपास कृषक लेनदेन करते हैं। मौजूदा समय 453 किसानों की केसीसी बनी है। अब तक 298 किसानों को 4129 बोरी डीएपी खाद दी है। चार ट्रक डीएपी खाद और मंगाई गई है। वही तीन ट्रक यूरिया खाद मंगाई जा रही है। बीते कुछ दिनों से खाद न आने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 300 किसान जिन्हें वह खाद नहीं दे पा रहे उनका एक करोड़ रुपये समिति का बकाया पड़ा है। उधर क्रय विक्रय समिति के सचिव बालकृष्ण ने बताया कि वह 34 मीट्रिक टन खाद का वितरण कर चुके हैं। लगभग 2000 किसान खाद पा चुके हैं लेकिन पुन: बारिश हो जाने से खाद की डिमांड और बढ़ जाएगी और उसके लिए वह प्रयासरत हैं। फिलहाल उनके पास भी एक सप्ताह से खाद नहीं है। बिक्री का बड़ा केंद्र पीसीएफ के गोदाम प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि वह 337 मीट्रिक टन खाद 5500 किसानों को दे चुके हैं। ---------------------------- दस रुपये महंगी मिल रही खाद की बोरी फोटो संख्या 18 एचएएम 13 ----------------------- राठ : भाकियू के बुंदेलखंड महासचिव रामपाल सिंह चिकासी, रामप्रकाश, कमलापत, राजू सिकरौंधा, प्रहलाद रिहुंटा, वंशीधर बड़ा खरका, देवीदीन प्रसाद ने बताया कि किसानों को लापरवाही के चलते समय से खाद उपलब्ध नहीं होती है। किसान को घंटों केंद्र में लाइन लगाकर खड़ा होना पड़ता है। दो से तीन दिनों बाद नंबर आने पर किसानों को खाद मिल पाती है। बताया कि कस्बे के क्रय विक्रय, क्षेत्रीय सहकारी समिति, पीसीएम में एक सप्ताह से खाद उपलब्ध नहीं है। बताया कि केंद्रों पर डीएपी की बोरी 1200 रुपये की है। लेकिन केंद्र प्रभारियों द्वारा डीएपी की बोरी 1210 रुपये की दी जाती है। ----------------------------- एक सप्ताह से नहीं मिली खाद फोटो संख्या 18 एचएएम 18 ----------------------- कुरारा : कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र में साधन सहकारी समिति कुरारा देहात, शेखूपुर, मिश्रीपुर, पतारा, कुसमरा , बेरी तथा पीसीएफ कृषक सेवा केंद्र, सहकारी संघ लिमिटेड, कुरारा, बेरी से किसानों को खाद की सप्लाई की जाती है। लेकिन इन सरकारी संस्थानों में खाद उपलब्ध न होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार सुबह रघवा गांव के किसान प्रदीप कुमार, लहरा के वहीद, कण्डोर के मनोज व अंकित, भैंसापाली के अरविद, जितेंद्र विष्वकर्मा, सुरेंद्र ने बताया कि एक सप्ताह से केंद्रों में खाद नहीं मिल पा रही है। ------------------------ एक्सपर्ट बोले -------------- कृषि वैज्ञानिक बोले, अपनाएं विकल्प खाद की कमी होने पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एसपी सोनकर ने बताया कि डीएपी उपलब्ध न होने पर किसान विकल्प के तौर पर दूसरी खाद यूरिया 3.5 किलोग्राम प्रति बीघे तथा सिगल सुपर फास्फेट 3 6.5 किलोग्राम प्रति बीघा के हिसाब से खाद का दलहनी फसलों में प्रयोग कर सकते हैं। -------------------- जैविक खाद का प्रयोग करें किसान बीएनवी डिग्री कालेज के कृषि प्रवक्ता डा. मोतीलाल ने बताया कि अगर डीएपी खाद न होने पर किसान गोबर की खाद का प्रयोग कर सकते हैं। बताया किसान को जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन अधिकांश किसान रसायनिक खाद के भरोसे खेती करते हैं। बताया कि चना और गेहूं उत्पादन के लिये डीएपी व यूरिया का महत्व बढ़ जाता है। यदि दो में से कोई भी एक उर्वरक फसल को नहीं मिली तो उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। --------------------- किसानों को आय दोगुनी करने के दिए टिप्स हमीरपुर : किसान कल्याण मिशन अन्तर्गत किसान पाठशाला का आयोजन प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर किया जाना है। जिसकी तैयारी के लिए सोमवार को उमेश चन्द्र कटियार, संयुक्त कृषि निदेशक, चित्रकूट धाम मंडल बांदा की अध्यक्षता में किसान पाठशाला आयोजित की गई। जिसमें रबी 2021 अन्तर्गत जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स का फसल प्रबंधन, एफपीओ गठन, जैविक खेती एवं पराली प्रबंधन विषयक मास्टर ट्रेनर्स का द्वितीय प्रशिक्षण कृषि भवन सभागार में आयोजित किया गया। डा. सरस कुमार तिवारी, उप कृषि निदेशक द्वारा पराली प्रबंधन के बारे में चर्चा करते हुए विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।