्रकैनाइन पर्वो वायरस का हमला, अब तक 49 कुत्तों की मौत
संवाद सहयोगी भरुआ सुमेरपुर पालतू कुत्तों में कैनाइन पर्वो वायरस बीमारी अब जानेलवा बन चुकी
संवाद सहयोगी, भरुआ सुमेरपुर : पालतू कुत्तों में कैनाइन पर्वो वायरस बीमारी अब जानेलवा बन चुकी है। इस वायरस के कारण समय पर उपचार न मिलने से कुत्तों की मौत भी हो रही है। इस वायरस से अब तक 49 कुत्तों की मौत हो चुकी है। इसमें सुमेरपुर में पालतू 738 कुत्तों में आठ की मौत हो चुकी है। वहीं प्रतिदिन करीब 20 कुत्तों का उपचार किया जा रहा है।
जिले में पालतू कुत्तों की संख्या 7288 है। कैनाइन पर्वो वायरस की चपेट में आकर कुत्ते बीमार होने के साथ इलाज के आभव में दम तोड़ रहे हैं। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पंकज सचान के अनुसार यह वायरस पालतू कुत्तों में सर्दी के समय फैलता है। गर्मी बढ़ने पर यह खत्म हो जाता है। वायरस से संक्रमित कुत्तों में लक्षण
पशु चिकित्सा अधिकारी के अनुसार इस वायरस की चपेट में आने पर कुत्ते को अचानक तेज बुखार, उल्टी-दस्त के साथ खूनी दस्त, अवसाद, भूख न लगने के लक्षण होते हैं। बताया कि यह बीमारी संक्रमित कुत्तों के संपर्क में आने से बड़ी तेजी के साथ फैलती है। जब एक कुत्ता किसी संक्रमित कुत्ते के मल को सूंघता है अथवा संक्रमित कुत्ते की जगह पर उठता बैठता है तो वह संक्रमित हो जाता है। अगर समय रहते उपचार नहीं मिलता है तो कुत्ते की मौत भी हो जाती है। इस वायरस से कुत्तों के शरीर में पानी और खनिज लवण (इलेक्ट्रोलाइट) व शुगर की कमी हो जाती है। चार से पांच दिन अगर ट्रिप के साथ एक एंटीबायोटिक, विटामिन सी के इंजेक्शन व मल्टी विटामिन की खुराक लगातार समय रहते मिल जाती है तो इस बीमारी से कुत्ते को बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को बांदा जिले के भी पालतू कुत्तों का उपचार किया गया।