आहना प्रोजेक्ट ने एचआइवी ग्रसित माताओं के दस नवजातों को बचाया
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जागरण संवाददाता, हमीरपुर : एड्स ग्रसित मां की कोख से जन्म लेने वाले नवजातों को एचआईवी मुक्त जीवन देने की मुहिम धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है। आहना प्रोजेक्ट से अब तक 10 नवजातों को एचआईवी से बचाया गया है। इसमें चार बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ जीवन जी रहे हैं, जबकि 6 बच्चों की निगरानी जारी है।
आहना प्रोजेक्ट आफीसर विजय लक्ष्मी ने बताया कि उनकी संस्था एचआईवी व एड्स ग्रसित मां की कोख से जन्म लेने वाले नवजातों को इस बीमारी से बचाने की मुहिम चला रही हैं। वर्ष 2018 से उनका प्रोजेक्ट जनपद में चल रहा है। इस दौरान अभी तक कुल 11 ऐसी महिलाएं मिली हैं, जो एचआईवी संक्रमित थी। इन महिलाओं द्वारा जन्म दिए गए सभी 11 बच्चों की निगरानी संस्था द्वारा की गई। इसमें एक बच्चे की मौत हो गई। जबकि 4 बच्चे 18 माह की उम्र पूरी कर चुके हैं और स्वस्थ है। जबकि 6 बच्चों की अभी भी निगरानी की जा रही है। प्रसव से पूर्व किसी गर्भवती को अगर एचआईवी की पुष्टि होती है तो उनकी टीम उसी दिन से उस महिला के संपर्क में आ जाती है। इसकी पूरी गोपनीयता बरती जाती है। पीड़ित महिला को एआरटी सेंटर कानपुर से जोड़ दिया जाता है। इसके बाद भी महिला की कई जांचें कराई जाती है और संस्थागत प्रसव कराया जाता है।
जिले के 137 पुरूष व 62 महिलाओं को है एचआइवी
जिला अस्पताल के आईसीटीसी सेंटर (इंटी ग्रेटिड काउंसिलिग एण्ड टेस्टिग सेंटर) के डा.प्रशांत के अनुसार जनपद में इस वक्त 137 पुरुष और 62 महिलाएं एचआईवी संक्रमित है। इनमें ज्यादा संख्या ऐसे लोगों की है, जो मजदूरी करने के लिए बाहरी प्रांतों में जाते हैं।