दान से जुटाए 30 लाख, 26 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगवाए
भूपेंद्र कोष्टा राठ कठिन राहों पर चलने वाले रास्तों से नहीं घबराते रुक रुक कर चलने
भूपेंद्र कोष्टा, राठ : कठिन राहों पर चलने वाले रास्तों से नहीं घबराते, रुक रुक कर चलने वाले कभी नहीं पछताते। 15 वर्षों से चल रही ऐसी ही एक संस्था का कारवां बढ़ता गया और आज 408 सदस्य उसे ऐसे मुकाम पर लाए जहां लोगों की जिदगी में बचाने में जुट गए।
गरीबों और बेसहारों को उनकी जरूरतों को पूरा करने की आस में कस्बे के भटियाना मोहल्ला निवासी प्रभात सक्सेना ने सृजन एक सोच संस्था बनाई। संस्था ने पिछले दो साल में जरूरतमंद लोगों को लाभ पहुंचाया। शुक्रवार यह संस्था इस मुकाम पर आई कि लोगों की जिदगियां बचाने में जुटी हुई है। संस्था के हेड विनय गुप्ता ने बताया संस्था 2004 में बनाई थी। कारवां बढ़ता गया और संस्था में आठ कोर मेंबर और 400 सदस्य बन गए। संस्था चलती रही। 2020 के साल में संस्था ने कोरोना काल में लोगों की सहायता में जुट गई। पिछले साल संस्था की ओर से हजारों को मास्क वितरण किए। गरीब बेसहारा कई परिवारों को खाना वितरण किया। दो दर्जन से अधिक गांव सैनिटाइज कर कोरोना संक्रमण से दूर रखे। हमीरपुर, महोबा और बिहार के जमुई के जिलाधिकारियों को पीपीई की 100 किटें दी। उसी साल शिक्षा की गाड़ी चलाई सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास, प्रतियोगी परीक्षाएं व पांच गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति की सुविधा दिलाई। संस्था काम कर ही रही थी कि 2021 में वैश्विक महामारी की दूसरी लहर चलने लगी। दूसरी लहर में ऑक्सीजन की बेहद कमी से कई जाने गई। संस्था ने ऑक्सीजन के लिए काम किया। विनय गुप्ता ने बताया कि ऑक्सीजन की सुविधा के लिए संस्था के पास कुल चार लाख रुपये थे। संस्था के सदस्यों ने 30 लाख रुपये दान से जुटाए और और दुबई स्थित दोहा कतर से 26 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगवाए। यह कंस्ट्रक्टर ऑक्सीजन बनाने का काम करते हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को लाने में इंडिगो एयरलाइंस का सहयोग मिला। संस्था के विनय गुप्ता ने बताया राठ में तीन, उरई में दो, लखनऊ में चार, मैनपुरी में दो, महाराष्ट्र में चार, कानपुर में एक, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगवाए जा चुके हैं। एक-दो दिन में महोबा में दो और घाटमपुर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगवाए। संस्था 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगवाने के प्रयास में हैं। जिससे लोगों की ऑक्सीजन की कमी से जान न जा सके।