World Tourism Day: पर्यटन हब बनने की ओर गुरु गोरक्ष की नगरी, योगी के सीएम बनने के बाद बदल गई शहर की तस्वीर
World Tourism Day 2022 गोरखपुर शहर जो गिने-चुने पर्यटन स्थलों के नाम से जाना जाता था वहां पिछले पांच सालों में 50 से अधिक पर्यटन विकास परियोजनाएं धरातल पर उतरी हैं। योगी आदित्यनाथ की अगुआई में शहर की तस्वीर बदल गई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। World Tourism Day 2022: गुरु गोरक्षनाथ की नगरी पर्यटन के दृष्टि से कितनी उर्वर है, इसका अहसास पांच वर्ष पहले शायद ही किसी को रहा होगा। महज तीन से चार पर्यटन स्थलों के बीच सिमटी यह नगरी केवल पांच वर्ष में दर्जनों पर्यटन स्थलों की नगरी बन गई है। कई पर्यटन स्थल तो विदेशी पर्यटकों को भी ठहरने के लिए मजबूर कर रहे हैं। यह स्थल केवल पर्यटकों को ही लुभा नहीं रहे, गोरखपुर और आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी सप्ताहांत मनाने का आकर्षक विकल्प दे रहे हैं। इस आधार पर यह कहने में गुरेज नहीं कि गोरखपुर अब पर्यटन हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ चला है।
गोरखनाथ मंदिर व गीताप्रेस तक ही सिमटा था पर्यटन का दायरा
एक समय था जब गोरखपुर में पर्यटन दायरा ले-देकर गोरखनाथ मंदिर और गीता प्रेस के इर्दगिर्द ही सिमट कर रहा जाता था। पर जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली तो उन्होंने इस दिशा में विशेष ध्यान दिया। मुखिया का साथ मिला तो पर्यटन विभाग भी उत्साहित हुआ। ठंडे बस्ते में पड़ी फाइलों की धूल झाड़कर उसमें बंद परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य किया ही गया, कई नई आकर्षक परियोजनाओं पर भी काम हुआ। इसी का नतीजा है कि आज 50 से अधिक पर्यटन परियोजनाओं के जरिये गोरखपुर पर्यटकों को लुभाने लगा है।
अभी थमा नहीं है परियोजनाओं का सिलसिला
परियोजनाओं का सिलसिला अभी थमा नहीं है। एक दर्जन से अधिक परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से काम चल रहा है। इसमें हैंगिंग रेस्टोरेंट, रामगढ़ ताल में रोप-वे, ताल में दुनिया का सबसे ऊंचा वाटर फाउंटेन, चिलुआताल आदि शामिल हैं।
तीन सौ करोड़ से अधिक की योजनाओं पर हुआ काम
पर्यटन नीति-2018 ने जहां गोरखपुर में कई बड़े निवेशकों को आकर्षित किया, वहीं पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भी सरकार ने खजाना खोल दिया। पर्यटन विभाग ने ही गोरखपुर में पर्यटन विकास के लिए करीब तीन सौ करोड़ के कार्यों की स्वीकृति दी है।
चमका दिए गए धरोहर और आध्यात्मिक स्थल
पर्यटन विभाग ने बीते पांच वर्ष में जिन धरोहरों की सूरत बदली दी है और चमकाकर पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित कर दिया है, उनमें राम प्रसाद बिस्मिल स्मारक, चौरीचौरा शहीद स्मारक, डोहरिया कला स्मारक, भरोहिया शिव स्थल, सूर्यकुंड धाम, मुंजेश्वरनाथ मंदिर, मोहद्दीपुर व जटाशंकर गुरुद्वारा, मुक्तेश्वरनाथ मंदिर, वाटर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, मानसरोवर मंदिर, मानसरोवर रामलीला मैदान, कबीर धूनी- गोरख तलैया, रामलीला मैदान बर्डघाट, तरकुलहा देवी मंदिर, शहीद बंधु सिंह स्मारक आदि शामिल हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
गोरखपुर के क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन बीते पांच वर्ष में पर्यटन विकास के लिए निरंतर कार्य किया गया है। यह सिलसिला अभी भी जारी है। मुख्यमंत्री स्वयं इसमें रुचि लेते हैं, इसलिए कहीं कोई अड़चन नहीं आने पाती। इसी का नतीजा है कि आज गोरखपुर में पर्यटकों के लिए तमाम विकल्प हैं। ज्यादातर योजनाओं को पूरा कर लिया गया है, कुछ का काम आखिरी चरण में हैं। कई और योजनाएं बनाई जा रही हैं।