Coronaviras lockdown: छूट मिली तो कार्यालयों में शुरू हुआ कार्य, ठहरे हुए शहर में आ गई जान Gorakhpur News
Coronaviras lockdown गोरखपुर में सुबह दस बजे सभी प्रमुख कार्यालय खुले तो लोगों से यह महसूस किया मानो अब संकट का समय खत्म होने वाला है।
गोरखपुर, जेएनएन। Coronaviras lockdown: लॉकडाउन से छूट मिला तो ठहरे हुए गोरखपुर में मानो जान आ गई। सुबह दस बजे सभी प्रमुख कार्यालय खुले तो लोगों से यह महसूस किया मानो अब संकट का समय खत्म होने वाला है। कार्य की गति कुछ धीमी रही, आवश्यक कार्यों के लिए ही कर्मचारी कार्यालयों में आए। आवश्यक सेवाओं को पटरी लाने के लिए हर कोई प्रत्यत्नशील दिखा।
सुबह आठ बजे से शुरू हुआ काम
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना में सोमवार से काम शुरू हुआ। खाद कारखाना में 14 सौ श्रमिक और कर्मचारी काम पर हैं। इसके लिए सौ-सौ श्रमिकों और कर्मियों की 14 टीम बनाई गई है। सभी आधे-आधे घंटे के अंतराल पर कारखाना में काम शुरू करेंगे और इसी क्रम में वापस लौटेंगे। एचयूआरएल के वरिष्ठ प्रबंधक सुबोध दीक्षित ने बताया कि सभी को निर्देश है कि वह कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर ही काम करें और मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं। सभी को मास्क, सैनिटाइजर और ग्लब्स उपलब्ध करा दिया गया है।
मशीन, वाहन और श्रमिकों के आवास सैनिटाइज
खाद कारखाना में काम शुरू होने से पहले रविवार को 12 वाहनों और कई कर्मचारियों की मदद से सभी मशीनों, वाहनों और श्रमिकों के आवासों को सैनिटाइज किया गया। एचयूआरएल के वरिष्ठ अफसर सैनिटाइजेशन की मॉनिटरिंग करते रहे।
नगर निगम में शुरू हुआ कार्य
सोमवार से नगर निगम के सभी अफसर सुबह 10 बजे कार्यालय पहुंचे। लॉकडाउन शुरू होने के बाद भी अफसर कार्यालय आते थे लेकिन ज्यादातर दोपहर में पहुंचते थे। नगर निगम के 30 फीसद बाबू भी कार्यालय आएंगे। नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि लॉकडाउन में भी नगर निगम का काम पूर्व की तरह चल रहा है। सभी अफसर रोजाना कार्यालय आते रहे हैं। क्लर्क भी आते हैं। अब रोस्टर बना दिया जाएगा। कहा कि जरूरी निर्माण कार्य फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाकर शुरू कराए जाएंगे।
खुल गए विश्वविद्यालय के कार्यालय
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कार्यालय सोमवार से पूर्व निर्धारित समय से खुलेंगे। इस दौरान समूह क एवं ख के सभी अधिकारी कार्यालय में उपस्थित रहेंगे, जबकि समूह ग एवं घ के कर्मचारियों की कार्यालय में प्रत्येक दिन 30 फीसद उपस्थिति रहेगी। कुलसचिव डा.ओम प्रकाश ने बताया कि समस्त अधिकारी अपने स्तर पर यह तय करेंगे कि उनके अंतर्गत किस कर्मचारी को किस दिन आना है।
औद्योगिक इकाइयों एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों का बनेगा बिल
औद्योगिक इकाइयों एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों की मीटर रीडिंग कर सोमवार से बिजली बिल बनाया जाएगा। जिले में ऐसी करीब 50 हजार इकाइयां हैं, जिनके लिए 350 बिजली कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 50 किलोवाट या इससे अधिक लोड वाले कनेक्शन के मीटर की एमआरआइ (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट) का काम शुरू हो चुका है। एमआरआइ के जरिए इन प्रतिष्ठानों में वास्तविक उपभोग की गई बिजली जांची जाएगी। इसी के आधार पर बिल भी बनाया जाएगा। बिजली निगम की ओर से मीटर रीडिंग करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रशासन से पास बनवाया गया है। मीटर रीडिंग कराने के बाद उपभोक्ताओं को बिल की रसीद दी जाएगी। वहीं लॉकडाउन के कारण अधिकतर वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद होने से मीटर रीडिंग में परेशानी भी हो सकती है। ऐसे प्रतिष्ठानों पर भी संचालक से बात कर मीटर रीडिंग लेने की कोशिश की जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं के औसत बिल बनाकर निगम की वेबसाइट पर अपलोड किए जा चुके हैं। इस संबंध में अधीक्षण अभियंता शहर इं. यूसी वर्मा ने बताया कि 50 किलोवाट लोड वाले औद्योगिक एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों की मीटर रीडिंग पहले होगी।