रेलवे की तैयारी : कहां ट्रेन पर फेंकते हैं कीचड़, जीआरपी जुटा रही जानकारी Gorakhpur News
रेलवे लाइन के किनारे स्थित किस गांव और कस्बे में चलती ट्रेन पर कीचड़ व रंग फेंका जाता है जीआरपी इसकी जानकारी जुटा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे लाइन के किनारे स्थित किस गांव और कस्बे में चलती ट्रेन पर कीचड़ व रंग फेंका जाता है जीआरपी इसकी जानकारी जुटा रही है। ग्राम प्रधान व सभासद के साथ बैठक कर राजकीय पुलिस बल (जीआरपी) के थानेदार व चौकी प्रभारी इसको लेकर बैठक करेंगे। हुड़दंग करने वाले लोगों की सूची तैयार कर जिले की पुलिस को इसकी जानकारी दे दी जाएगी। ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके।
जीआरपी को किया गया अलर्ट
होली में रेल यात्रियों की बढ़ती भीड़ और अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए जीआरपी को हाईअलर्ट किया गया है। एसपी रेलवे पुष्पांजलि देवी ने होली में हुड़दंग करने वालों पर विशेष नजर रखने को कहा है। जिन स्थानों पर चलती ट्रेन में कीचड़ या पत्थर फेंकने की घटना हुई है वहां जीआरपी व रिर्जव पुलिस बल (आरपीएफ) गश्त करेगी। महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन पर इव टीजिंग टीम का गठन हुआ है। इसके अलावा स्टेशनों, ट्रेनों के अलावा रेल क्षेत्र में चौकसी बरतने के साथ ही सर्च अभियान चलाने का निर्देश गोरखपुर अनुभाग के सभी थानेदारों को दिया है। सुरक्षा को लेकर छुट्टी पर भी रोक लगा दी गई है। विशेष परिस्थिति में ही छुट्टी दी जाएगी।
संदिग्ध लोगों पर नजर रखने का निर्देश सभी थाना प्रभारी को दिया है। चलती ट्रेन पर कीचड़ व रंग फेंकने वाले लोगों पर विशेष नजर है। इसको लेकर रेलवे लाइन किनारे के गांव और कस्बे के प्रधान व सभासद के साथ बैठक होगी। हुड़दंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। - पुष्पांजलि देवी, एसपी रेलवे, गोरखपुर
ट्रेनों की बेलगाम रफ्तार पर लगेगी लगाम
ट्रेनों की रफ्तार बेलगाम होते ही उस पर लगाम लगेगी। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने ह्वील स्लाइड प्रोटेक्शन (डब्लूएसपी) डिवाइस लगाने की योजना तैयार की है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारतीय रेलवे के 150 लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोचों में इसे लगाया जाना है। पूर्वोत्तर रेलवे के दस कोचों के लिए अनुमति भी मिल गई है। प्रयोग सफल रहा तो सभी ट्रेनों में इसको लगाया जाएगा। एक कोच के एक एक्सल (धुरा) में एक डब्लूएसपी लगाया जाएगा। इसमें सेंसर, माइक्रो कंट्रोल प्रोसेसिंग यूनिट व प्रेशर स्विच होंगे, जो सभी पहियों की रफ्तार को नियंत्रित कर एक समान रखेंगे। यानी, एक कोच के चार एक्सल में लगे आठों पहिए एक रफ्तार से चलेंगे। किसी एक या दो पहिये की रफ्तार अधिक या कम होने पर डिवाइस आठों में से किसी एक को मानक मानकर गति को एक समान कर देगा। इससे दुर्घटना की संभावनाएं कम होंगी।