यायावर : साहब पर भारी थानेदारों की मनमानी Gorakhpur News
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कौशल त्रिपाठी, गोरखपुर। अपराध पर नियंत्रण के लिए जिले को साउथ, नार्थ व सिटी क्षेत्र में बांटा गया है। इन क्षेत्रों की कमान तीन अधिकारियों के हाथों में है। साउथ के साहब ने अपने क्षेत्र के नौ थानों पर तैनात थानेदारों की गतिविधियों की जानकारी के लिए साउथ जीकेपी नाम से छह माह पहले वाट्सएप ग्रुप बनाया। थानेदारों को फरमान सुनाया कि प्रतिदिन होने वाले अपराध व अ'छे कार्य की जानकारी ग्रुप पर साझा करें। साहब के इस फरमान का पालन दो माह तक तो सभी थानेदारों ने किया। इसके बाद सात थानेदारों ने फरमान को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया। वर्तमान में सिर्फ दो थानेदार ही फरमान पर अमल कर रहे हैं। वे नियमित थाने का गुडवर्क व घटनाओं का विवरण ग्रुप पर साझा कर रहे हैं। वहीं मनमानी करने वाले थानेदारों को लेकर साहब खुद ही ला'ाार नजर आ रहे हैं। इसकी चर्चाएं महकमे में जोरशोर से चल रही हैं।
बरामदगी होते ही लूट हो गई गुमशुदगी
क्राइम कंट्रोल के लिए पीडि़त से तहरीर बदलवाकर हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज करना पुलिस के लिए कोई नई बात नहीं है। लेकिन, इधर लूट की घटना के बाद केस दर्ज न करने का फंडा अधिकांश थानेदारों ने अपना लिया है। दबाव पडऩे पर वे पहले वाला नुस्खा अपनाते हैं। पिछले दिनों की मोबाइल लूट की घटना को ही लीजिए। झपट्टा मारकर मोबाइल लूटने की घटना में थानेदार ने तहरीर बदलवा दी। पीडि़त को यह कहकर बरगलाया कि सिम बंद कराने के लिए दूसरा आवेदन लिखो। उसमें मोबाइल रास्ते में गिरना दर्शाया जाएगा। धोखे से लिखवाए आवेदन पर मामला गुमशुदगी का बना और दर्ज भी हुआ। इस खेल का राज दो दिन पहले खुला, जब 10 मोबाइल के साथ बदमाश धराया। इसके बाद गुमशुदगी लूट में बदल गई। ऐसा कर थानेदार, बदमाशों के हितैषी बन रहे हैं, लेकिन पुलिसिया खेल में फंसा फरियादी न्याय से वंचित होता जा रहा है।
प्लीज अंकल, माफ कर दीजिए
प्रदेश के पहले वेटलैंड का दर्जा प्राप्त रामगढ़ ताल किनारे सर्किट हाउस के समीप दो दिन पहले रात में करीब 12 बजे प्रेमी युगल बाइक पर मस्ती कर रहे थे। पैडलेगंज की ओर से दो पुलिसकर्मी पहुंचे और 20 वर्षीय युवक व करीब 16 वर्षीय किशोरी को पकड़ लिया। खाकी वाले युगल को हड़का रहे थे कि इतनी रात में कोई हादसा हुआ, तो जिम्मेदार कौन होगा? इसी बीच पुलिस का मोनोग्राम लगी एक कार पहुंची। कार से तीन दारोगा समेत चार वर्दीधारी उतरे। चालक ने कार आड़े-तिरक्षे खड़ी कर रास्ता अवरुद्ध कर दिया। यह देख प्रेमी युगल की घिग्घी बंध गई। सभी ने उन्हें जेल भेजने का फरमान सुनाया, तो प्रेमी युगल ने हाथ जोड़कर कहा-प्लीज अंकल! हमें माफ कर दीजिए। एक दारोगा ने पापा से बात कराने को कहा, तो लड़की उनके पैरों में गिर गई। खाकी वालों को दोनों पर दया आ गई और उन्हें जाने दिया।
ऐसे तो नहीं बचेगी जान
कोरोना से बचाव के लिए मास्क कारगर उपाय है, लेकिन जिले में करीब 50 फीसद लोग पुलिस की सख्ती के बाद भी मास्क नहीं लगा रहे हैं। ये लोग खुद के साथ परिवार व समाज के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। मास्क न लगाने पर जुर्माना व चालान का भी इन पर असर नहीं है। हालांकि जिले के सभी थानों के पुलिसकर्मी प्रतिदिन अभियान चलाकर चालान काट रहे हैं। लेकिन, लगता है कि कोरोना ही नहीं पुलिस का भी भय लोगों में समाप्त हो गया है। देहात से लेकर शहर तक आटो व जीप में मानक से अधिक यात्री ढोए जा रहे हैं। शारीरिक दूरी का पालन बंद हो गया है। नियमों की अनदेखी का नजारा टीपी नगर, रुस्तमपुर, पैडलेगंज, मोहद्दीपुर, शास्त्रीचौक, धर्मशाला, असुरन, मेडिकल कॉलेज, बरगदवा, नौसढ़, महावीर छपरा, खजनी, सहजनवां, सिकरीगंज, कौड़ीराम, बड़हलगंज आदि स्थानों पर थाना व चौकी के पास कभी भी देखा जा सकता है।